'अगर ट्रंप चाहते हैं न्यूक्लियर डील तो पहले इजरायल को रोकें...', ईरान के राष्ट्रपति ने सीजफायर के लिए US से लगाई गुहार

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ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने अमेरिका को सीधे तौर पर इजरायल की आक्रामकता का समर्थन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका वार्ता फिर से शुरू करना चाहता है, तो उसे पहले अपने सहयोगी इजरायल की क्षेत्रीय आक्रामकता को रोकना होगा. इनके अलावा ईरान ने कतर, सऊदी अरब और ओमान से कहा कि वे ट्रंप से कहें कि वे इजरायल पर तत्काल युद्ध विराम के लिए दबाव डालें. 

रॉयटर्स ने बताया कि दो ईरानी और तीन क्षेत्रीय सूत्रों ने कहा कि अगर अमेरिका सीजफायर कराता है तो बदले में, ईरान अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता में लचीलापन दिखाएगा. इससे पहले राष्ट्रपति पेजेशकियन ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय कानून के सभी नियमों के विपरीत, अमेरिका इजरायल को हम पर आक्रमण करने और हम पर हमला करने की अनुमति दे रहा है." उन्होंने आगे कहा कि ईरान ने न तो युद्ध शुरू किया है और न ही आमने-सामने किसी लड़ाई की शुरुआत की है.

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ईरान के राष्ट्रपति पेजेशकियन ने स्पष्ट किया, "हमने उच्च रैंकिंग के सैन्य अधिकारियों और वैज्ञानिकों की हत्या नहीं की; ये आतंकवादी लोग हैं. हम आक्रांता नहीं हैं. आज हमें एकता और एकजुटता की अधिक आवश्यकता है. ईरानी लोगों को मिलकर इस आक्रमण का विरोध करना चाहिए."

इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को किया टारगेट

इजरायल ने 13 जून की रात ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को निशाना बनाकर ऑपरेशन राइजिंग लायन शुरू किया था. ईरान ने 24 घंटे के भीतर जवाबी कार्रवाई की. इसके बाद 14 और 15 जून को दोनों देशों के बीच हमलों का क्रम जारी रहा. दोनों पक्षों ने हताहतों और क्षति की बात कही लेकिन कहा कि नुकसान मामूली रहा.

पेजेशकियन ने कहा कि इजरायल की ओर से ईरान को अस्थिर करने की कोशिश को ईरान ने कड़ा जवाब दिया है और "उसकी भारी क्षति हुई है." उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस आक्रामकता को दोहराया गया तो इसका उत्तर ईरान और भी कड़ी कार्रवाई के साथ देगा.

अगर अमेरिका ने इजरायल को कंट्रोल नहीं किया तो...!

ईरान के राष्ट्रपति ने कहा कि अगर अमेरिका अपने सहयोगी इजरायल को नियंत्रण में नहीं रखता है, तो ईरान को मजबूरन स्थिति को नई ऊंचाइयों तक ले जाना पड़ेगा. संसद में अपनी बात रखने से पहले पेजेशकियन ने यह बात उन्होंने ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारीक अल सईद से फोन पर बातचीत के दौरान कही.

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि वाशिंगटन को पता था कि इजरायल ईरान पर हमला करने की योजना बना रहा है. इस पर भरोसा जताते हुए ईरान के राष्ट्रपति ने कहा कि यह समय संघर्ष का नहीं, बल्कि सामूहिक एकता और प्रतिरोध का है.

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