मुरादाबाद में एक मदरसे पर नाबालिग छात्रा से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगने का आरोप सामने आने के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मच गई है. समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह आरोप बेहद गंभीर है और इसकी सच्चाई सामने आनी चाहिए.
जियाउर्रहमान बर्क ने कहा, "कोई भी मदरसा वर्जिन सर्टिफिकेट नहीं मांगता, न हमारा मजहब ऐसी मांग करता है. तालीम के लिए ऐसा सर्टिफिकेट नहीं मांगा जाता, न इसकी आवश्यकता होती है. पहली बार ऐसा मामला सामने आया है. पता करना पड़ेगा कि इस मामले में कितनी सच्चाई है."
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वर्जिनिटी टेस्ट की मांग, न देने पर निकाली टीसी की धमकी
यह मामला मुरादाबाद के पाकबड़ा क्षेत्र स्थित जामिया असानुल बनात गर्ल्स मदरसा का है. चंडीगढ़ निवासी मोहम्मद यूसुफ ने आरोप लगाया है कि मदरसा प्रशासन ने उनकी 13 वर्षीय बेटी के चरित्र पर झूठे और शर्मनाक आरोप लगाए. यूसुफ के मुताबिक, अगली कक्षा में प्रवेश देने से पहले उनकी बेटी से वर्जिनिटी (मेडिकल) टेस्ट कराने की शर्त रखी गई.
जब परिवार ने इसका विरोध किया, तो मदरसा प्रबंधन ने बच्ची की ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) निकालने की धमकी दी. पिता ने बताया कि 500 रुपये की वसूली के बावजूद न तो टीसी दी गई और न ही फीस लौटाई गई. उल्टा यह धमकी दी गई कि अगर उन्होंने शिकायत की, तो बच्ची को किसी और संस्था में दाखिला नहीं मिलेगा.
यूसुफ ने भावुक होकर कहा, "मेरी बेटी ने किसी का क्या बिगाड़ा था? कुछ लोगों की नफरत और झूठे इल्ज़ामों ने मेरी बच्ची का भविष्य अंधकार में धकेल दिया. जब उसकी मां मदरसे पहुंची, तो कहा गया कि इसका मेडिकल टेस्ट करवाओ. यहां तक कहा गया कि इसके पिता के साथ इसके अवैध संबंध हैं. अब अगर मेरी बेटी को न्याय नहीं मिला तो वह अपनी जान दे देगी."
प्रशासन ने जांच शुरू की, अभी FIR दर्ज नहीं
परिजनों ने कथित टीसी की प्रति भी अधिकारियों को सौंपी है, जिसमें मेडिकल टेस्ट का जिक्र बताया जा रहा है. इस पर मुरादाबाद के एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने कहा, "चंडीगढ़ निवासी एक व्यक्ति ने एसएसपी को तहरीर दी है, जिसमें गंभीर आरोप लगाए गए हैं. मामले की गहराई से जांच की जा रही है. जो भी साक्ष्य सामने आएंगे, उसी के आधार पर कार्रवाई होगी."
फिलहाल इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच के बाद ही अगला कदम तय किया जाएगा. दूसरी ओर, मदरसे के एक शिक्षक ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने कहा, "ऐसा लफ्ज जुबान पर लाना मुमकिन ही नहीं है. किसी बच्चे को लेकर ऐसा गंदा इल्जाम लगाना बेहद अफसोस की बात है. ये सब झूठ और गुस्से में लगाए गए आरोप हैं."
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