अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर का क्रेडिट लिया है. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने ट्रेड वार्ता के जरिए दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हालांकि, भारत ने ट्रंप के इन दावों को पहले ही सिरे से खारिज कर दिया था और कहा कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित कोई भी मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय रूप से ही हल किया जाएगा.
व्हाइट हाउस में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के साथ बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा,' अगर आप देखें कि हमने पाकिस्तान और भारत के साथ क्या किया तो हमने उस पूरे मामले को सुलझा लिया है और मुझे लगता है कि मैंने इसे ट्रेड के ज़रिए हल किया. हम भारत-पाकिस्तान के साथ एक बड़ा सौदा कर रहे हैं... आप जानते हैं कि दोनों देशों के बीच भीषण गोलीबारी हो रही थी. हमने दोनों देशों के नेताओं से बात की और पूरे मसले को सुलझा लिया.'
'PM मोदी मेरे दोस्त हैं...'
उन्होंने आगे कहा कि फिर दो दिन बाद कुछ हुआ और उन्होंने कहा कि ये ट्रंप की गलती थी. मुझे यह कहने से नफरत है कि हमने इसे सुलझा लिया है. हमने कुछ अच्छा किया है. लेकिन पाकिस्तान में कुछ बेहतरीन लोग और कुछ वाकई अच्छे नेता हैं. पर भारत के प्रधानमंत्री मोदी मेरे दोस्त हैं...वह एक महान व्यक्ति हैं.'
ट्रंप ने दावा किया कि उनकी मध्यस्थता से दोनों देशों ने सीजफायर को स्वीकार किया.
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भारत ने तबाह किए आतंकी ठिकाने
दरअसल, भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था. जिसमें 26 लोग मारे गए थे. इसके जवाब में भारत ने मिसाइल ऑपरेशन लॉन्च कर पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. इसके बाद बौखलाए पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी की और भारतीय सीमा में ड्रोन हमले की कोशिश की, जिन्हें भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम द्वारा हवा में ही नष्ट कर दिया. इस पूरे घटनाक्रम के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा था.
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भारत ने खारिज किया ट्रंप का दावा
वहीं, भारत द्वारा पाकिस्तान के साथ सीजफायर समझौते के बारे में घोषणा करने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर का ऐलान कर दिया. और दावा किया कि उन्होंने अमेरिका ने सीजफायर में अहम भूमिका निभाई.
ट्रंप के इन दावों को भारत ने पहले ही खारिज कर दिया. विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के शुरू होने और सीजफायर होने के बाद से भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच 'व्यापार का मुद्दा' नहीं उठा.
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, '7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर सहमति बनने तक, भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच उभरते सैन्य हालात पर बातचीत होती रही. लेकिन इनमें से किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा.'