1 अक्‍टूबर से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट... 10 लाख को मिलेगा रोजगार, ये चीजें हो जाएंगी सस्‍ती!

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वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को बताया कि भारत और यूरोपीय मुक्‍त व्‍यापार संघ (EFTA) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट 1 अक्‍टूबर से लागू होगा. दोनों पक्षों ने 10 मार्च 2024 को व्‍यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते पर हस्‍ताक्षर किए थे. 

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत भारत को आइसलैंड, लिकटेंस्‍टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड समेत EFTA ग्रुप से 15 सालों में 100 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की डील मिली है. इस एग्रीमेंट के तहत स्विस वॉच, चॉकलेट और कटे-पॉलिश किए हुए हीरों जैसे कई प्रोडक्‍ट्स कम या शून्‍य शुल्‍क पर भारत में एंट्री की अनुमति मिलती है. यानी कि भारत में इन चीजों की कीमत पहले से घट जाएगी. 

कैसे भारत में होगा 100 अरब डॉलर का निवेश? 
इस एग्रीमेंट के तहत भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश का प्‍लान है. ऐसे में 10 साल में 50 अरब डॉलर और फिर अगले पांच साल में 50 अरब डॉलर का निवेश आएगा. इस निवेश से भारत में 10 लाख लोगों को डायरेक्‍ट रोजगार मिलने की उम्‍मीद है और यह भारत द्वारा अबतक का सबसे अच्‍छी डील के तौर पर माना जा रहा है, क्‍योंकि भारत ने किसी अन्‍य के साथ ऐसा एग्रीमेंट नहीं किया है. 

स्विट्जरलैंड सबसे बड़ा साझेदार 
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस समझौते को पूरा होने में लगभग 16 साल लगे और यह भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे EFTA देशों के कई उत्पादों के लिए अपने बाजार खुल गए हैं. इस ग्रुप में स्विट्जरलैंड भारत का सबसे बड़ा व्‍यापारिक साझेदार है, जबकि बाकी के 3 देशों के साथ व्‍यापार की मात्रा कम है. 

ये चीजें हो जाएंगी सस्‍ती
भारत, EFTA से आने वाली चीजों पर 82.7 प्रतिशत तक टैरिफ लगाता है, जिसमें 80 प्रतिशत से ज्‍यादा सोने का आयात शामिल है. अब इस डील से भारतीय कंज्‍यूमर्स को घड़ियों, चॉकलेट, बिस्कुट और घड़ियों जैसे उच्च-गुणवत्ता वाले स्विस उत्पाद कम कीमत पर मिलेंगे. क्योंकि इन वस्तुओं पर सीमा शुल्क 10 सालों में समाप्‍त कर दिया गया है. 

सर्विस सेक्‍टर्स की बात करें तो भारत ने EFTA को व्‍यावसायिक सर्विस, कंप्‍यूटर सर्विस, वितरण और हेल्‍थ समेत 105 सब सेक्‍टर्स में निवेश की पेशकश की है. भारत ने स्विट्जरलैंड से 128 सब सेक्‍टर्स, नॉर्वे से 114, लिकटेंस्‍टीन से 107 और आइसलैंड से 110 सब सेक्‍टर्स में प्रतिबद्धता हासिल की है. जिन सेक्‍टर्स को लाभ मिलने वाला है उनमें कानूनी, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, कंप्‍यूटर, अकाउंट‍िंग एंड ऑडिट सर्विस शामिल हैं. 

भारत के लिए कितना फायदेमंद?
यह समझौता भारतीय निर्यातकों को यूरोपीय संघ के बाजारों में रजिस्‍टर्ड होने का मौका देता है. स्विट्जरलैंड के ग्‍लोबल सर्विस एक्‍सपोर्ट का 40 फीसदी से ज्‍यादा यूरोपीय संघ को जाता है, जिससे भारतीय कंपनियों को यूरोपीय संघ तक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए स्विट्जरलैंड एक बेस के तौर पर उपयोग करने का अवसर मिलता है. भारत-ईएफटीए द्विपक्षीय व्यापार 2024-25 में 24.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा है. 

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