अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने जबसे अमेरिका में सत्ता संभाला है, तबसे टैरिफ को लेकर दुनियाभर में हलचल मचा रखा है. कभी ट्रंप चीन पर टैरिफ लगातार लगाते चले जाते हैं तो कभी भारत पर अचानक से 25 फीसदी Tariff का ऐलान कर देते हैं, लेकिन आपने कभी सोचा है कि ये टैरिफ कैसे लगाया जाता है, क्या ट्रंप मनमाने तरीके से टैरिफ का ऐलान करते हैं या फिर इसका कोई फॉर्मूला भी है?
कुछ समय पहले व्हाइट हाउस की तरफ से एक रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसके तहत ये बताया गया था कि देशों पर टैरिफ कैसे तय हो रहा है. ये कोई मनमाना टैरिफ नहीं है, बल्कि टैरिफ कैलकुलेशन (Tariff Calculation) के पीछे एक सिंपल मैथ है. एक फॉर्मूले से अमेरिका, बाकी देशों पर टैरिफ तय करता है. भारत-चीन के अलावा, अमेरिका ने बाकी देशों पर भी इस फॉर्मूले के तहत ही टैरिफ लगाया है. आइए जानते हैं क्या है ये फॉर्मूला और कैसे टैरिफ रेट तय किया जा रहा है?
कैसे तय हो रहा है ट्रंप का टैरिफ?
2 अप्रैल को जब ट्रंप ने तमाम देशों पर टैरिफ का ऐलान किया था तो एक चार्ट सामने आया था, जिसमें किस देश पर कितना टैरिफ लगा है, इसकी जानकारी दी गई थी. अमेरिका ने इस कैलकुलेशन को लेकर एक फॉर्मूला भी शेयर किया था, जो देखने में एक जटिल गणित लगता है.
लेकिन अगर आप ऊपर दिए गए फॉर्मूले समझें तो यह सिंपल मैथ है. किसी विशेष देश के साथ अमेरिका के गूड्स के व्यापार घाटे को लें, उसे उस देश से कुल गुड्स आयात से विभाजित करें और फिर उस संख्या को दो से विभाजित करें.
हम इसे चीन और अमेरिका के उदाहरण से समझें तो मान लीजिए अमेरिका का व्यापार घाटा 295 अरब डॉलर का है. जबकि चीन से वह कुल 440 अरब डॉलर का सामान खरीदता है. ऐसे में 295 को 440 से भाग देने पर 67% आता है. अब इसे 2 से भाग दें तो चीन पर लगने वाला टैरिफ 34 फीसदी होगा. इसी तरह, कैलकुलेट करके भारत पर भी 25 फीसदी टैरिफ का ऐलान किया गया है.
क्या होता है व्यापार घाटा?
व्यापार घाटा तब होता है जब कोई देश अन्य देशों से जितना उत्पाद बेचता (निर्यात करता) है, उससे अधिक उनसे खरीदता (आयात करता) है. यानी जब आयात ज्यादा हो और निर्यात कम तो इनके बीच के अंतर को आप वित्तीय घाटा कह सकते हैं.
भारत पर 25 फीसदी टैरिफ
बुधवार को ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ (Tariff on India) का ऐलान किया है. साथ ही रूस से तेल और डिफेंस प्रोडक्ट्स खरीदने के कारण जुर्माना लगाने का भी ऐलान किया गया है. इसे 1 अगस्त से लागू करने की बात कही गई थी, लेकिन अब इसे 1 सप्ताह के लिए रोक दिया गया है. टैरिफ की डेडलाइन अब बढ़कर 7 अगस्त हो चुकी है.
भारत अमेरिका में व्यापार वार्ता कहां तक बढ़ी?
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर पांचवे दौर की बैठक पूरी हुई है और अब छठवें दौर के लिए 25 अगस्त तक अमेरिकी टीम भारत आ सकती है. लेकिन बुधवार को ट्रंप के टैरिफ ऐलान के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता प्रभावित भी हो सकती है.
अमेरिका भारत पर दबाव बनाना चाहता है और कोशिश कर रहा है कि भारत अमेरिका के लिए एग्री और डेयरी पर टैरिफ कम करने के लिए तैयार हो जाए. हालांकि भारत अपनी शर्तों पर अड़ा हुआ है. भारत का कहना है कि देशहित के लिए हर संभव कार्रवाई होगी. किसी भी कीमत में इन सेक्टर्स को लेकर समझौता नहीं किया जा सकता है.
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