दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक अंतरराज्यीय ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है. इस कार्रवाई में करीब 2 करोड़ रुपए मूल्य का 411 किलो गांजा जब्त करते हुए चार तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से तीन को दिल्ली के द्वारका और एक सप्लायर को ओडिशा से पकड़ा गया. पुलिस अब आरोपियों की कॉल डिटेल्स, बैंक ट्रांजेक्शंस और लॉजिस्टिक ट्रेल को खंगालते हुए नेटवर्क की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान लोकेश भारद्वाज (27), आशीष खासा उर्फ आशु (20) और मोईन खान (24) के रूप में हुई है. क्राइम ब्रांच को इस सिंडिकेट की गतिविधियों के बारे में गुप्त सूचना मिली थी, जिसके आधार पर एक टीम का गठन किया गया. टीम ने द्वारका के सेक्टर-19 इलाके में जाल बिछाया. तभी पुलिस ने देखा कि एक ट्रक से कार में संदिग्ध सामान शिफ्ट किया जा रहा है.
🚨🔥 UNDER THE NASHA MUKTH BHARAT ABHIYAN, INTERSTATE DRUG SYNDICATE BUSTED! 🔥🚨
BY WR-I | CRIME BRANCH | DELHI
🚛💨 A MAJOR CRACKDOWN on narcotics trafficking!
🔹 03 Key Drug Suppliers ARRESTED
🔹 Source of Contraband Traced & Nabbed from Odisha
🔹 411 KG of High-Quality… pic.twitter.com/5qWzXoWl3m
पुलिस मौके पर पहुंची तो जांच के दौरान गांजा बरामद हुआ. वहीं तीन लोग मौजूद थे, जिन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया गया. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि गांजा ओडिशा से दिल्ली लाया गया था. इस इनपुट के आधार पर पुलिस की टीम 10 जुलाई को ओडिशा भेजी गई, जहां से ड्रग सप्लायर श्रीकांत प्रसाद (33) को गिरफ्तार कर लिया गया. वो बिहार का मूल निवासी है. पहले भी मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल रहा है.
पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि श्रीकांत ओडिशा से दिल्ली, हरियाणा सहित अन्य राज्यों में गांजा की आपूर्ति करता था. गिरफ्तार आरोपी लोकेश और आशीष हरियाणा के रेवाड़ी जिले के माहेश्वरी गांव के निवासी हैं. पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि जल्दी पैसा कमाने के लालच में वह इस धंधे में उतर गए. मोईन खान नूंह का निवासी है, जो किराए के ट्रकों के जरिए मादक पदार्थों की खेप पहुंचाने का काम करता था.
इस नेटवर्क की सबसे खास बात यह थी कि हर खेप को अलग-अलग ट्रांसपोर्ट माध्यम और चालकों के जरिए भेजा जाता था, ताकि ट्रैकिंग से बचा जा सके. पुलिस सिंडिकेट की पूरी सप्लाई चेन की जांच कर रही है. अधिकारियों का मानना है कि गिरोह के तार दिल्ली, हरियाणा, बिहार और ओडिशा समेत कई राज्यों से जुड़ सकते हैं. आशंका जताई जा रही है कि आरोपी पहले भी कई बार इस तरह की खेप दिल्ली ला चुके हैं.
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