6 टीमें, 18 द‍िन... दोबारा लौट रही है प्रो रेसल‍िंग लीग, जान‍िए इस बार क्या होगा खास?

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कोरोना महामारी के बाद बंद हुई प्रो रेसलिंग लीग (PWL) अब जनवरी 2026 में एक बार फिर वापसी करने जा रही है. इस बार रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) खुद खिलाड़ियों और फ्रेंचाइजी को भुगतान की निगरानी करेगा, ताकि वित्तीय पारदर्शिता और स्थिरता बनी रहे. हर टीम के पास दो करोड़ रुपये का पर्स होगा. लीग की तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी.

डब्ल्यूएफआई ने स्पष्ट किया कि पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले पहलवानों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं होगा और वे नीलामी में अपना नाम दर्ज करा सकेंगे.

पहले लीग के आयोजन अधिकार प्रोस्पोर्टिफाई को सालाना रॉयल्टी के आधार पर दिए गए थे, लेकिन समय पर टीडीएस विवरण और रॉयल्टी भुगतान को लेकर विवाद खड़ा हो गया था. जून 2022 में डब्ल्यूएफआई ने 30 करोड़ रुपये में प्रोस्पोर्टिफाई से लीग के सारे अधिकार खरीद लिए.

नए चेयरमैन और प्रमोटर दयान फारूकी  ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष संजय सिंह के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए. अब सभी अधिकार ओएनओ मीडिया को सौंपे गए हैं. संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'पिछले अनुभवों से हमने सीखा है, इस बार सारे भुगतानों पर डब्ल्यूएफआई का नियंत्रण रहेगा. जो भी पहलवान खेलना चाहता है, उसका स्वागत है, किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा.'

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इस मौके पर बृजभूषण शरण सिंह भी मौजूद थे. उन्होंने कहा, 'मैं अब किसी आधिकारिक भूमिका में नहीं हूं, लेकिन खेल प्रेमी जरूर हूं. मुझे बुलाया गया था, इसलिए आया हूं.' उन्होंने यह भी कहा, 'पिछले आयोजकों की आलोचना करने का कोई मतलब नहीं है, हर प्रोजेक्ट में मतभेद होते हैं, लेकिन हमने हमेशा खिलाड़ियों के हित को प्राथमिकता दी.'

एक शहर, छह टीमें

पीडब्ल्यूएल के सीईओ अखिल गुप्ता ने बताया कि पहले सीजन में छह फ्रेंचाइजी होंगी और मुकाबले दिल्ली में खेले जाएंगे. आगे के सीजन में लीग अन्य शहरों तक जाएगी. प्रत्येक टीम में नौ पहलवान होंगे- चार महिला और पांच भारतीय पुरुष, जबकि बाकी चार विदेशी खिलाड़ी होंगे. लीग 18 दिनों तक चलेगी और इसमें पुरुष फ्रीस्टाइल और महिला वर्ग के नौ ओलंपिक वज़न वर्गों में मुकाबले होंगे. ग्रीको रोमन शैली को इस बार शामिल नहीं किया गया है.

बृजभूषण ने बताया कि पिछली बार उन्हें सलाह दी गई थी कि विदेशी शीर्ष पहलवानों को न बुलाया जाए, ताकि भारतीय खिलाड़ी जीत सकें, लेकिन उन्होंने इसे खारिज किया. उन्होंने कहा, 'जब हमारे पहलवान ओलंपियन और वर्ल्ड चैम्पियंस के साथ मुकाबला करते हैं, तो डर खत्म हो जाता है. यही आत्मविश्वास हमें चाहिए था और वही रुझान आगे भी जारी रहेगा.'
 

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