Microsoft और OpenAI के बीच एक बड़ा समझौता हुआ है, जिससे OpenAI की वैल्यूएशन अब करीब $500 बिलियन (लगभग ₹42 लाख करोड़) हो गई है. ये डील OpenAI को अपनी कंपनी का स्ट्रक्चर बदलने और आगे की ग्रोथ के लिए ज्यादा फंडिंग जुटाने का मौका देगी.
ग़ौरतलब है कि 2019 में जब OpenAI और माइक्रोसॉफ्ट की एक डील हुई थी. इस डील में मोटे तौर पर ये था कि माइक्रोसॉफ्ट OpenAI को अपनी क्लाउड सर्विस देगा और इस वजह से एक तरह से OpenAI के हाथ बंधे थे और वो ज्यादा कैपिटेल रेज नहीं कर पा रहा था.
जैसे जैसे ChatGPT पॉपुलर हुआ और यूज़र्स की संख्या करोड़ों में पहुंची, कंपनी की फंडिंग और क्लाउड की जरूरतें भी तेज़ी से बढ़ीं. लेकिन पुराने एग्रीमेंट की वजह से OpenAI बाहरी निवेशकों से उतनी आसानी से पैसा नहीं जुटा पा रही थी. अब इस एग्रीमेंट के बाद OpenAI को पैसे उठाने में आसानी होगी.
Elon Musk हमेशा से OpenAI पर ये आरोप लगाते रहे हैं कि ये कंपनी नॉन प्रॉफिट थी, लेकिन ये अपने रास्ते से भटक चुकी है. दरअसल OpenAI के फाउंडिंग मेंबर्स में से एक एलॉन मस्क भी थे, लेकिन बाद में उन्होंने स्टॉक सेल करके एग्जिट ले लिया था.
क्या है ये नई डील?
OpenAI अब खुद को Public Benefit Corporation (PBC) के तौर पर री-स्ट्रक्चर कर रहा है. इसका मतलब है कि कंपनी अपने मिशन और प्रॉफिट दोनों को बैलेंस करने की कोशिश करेगी.
इस नई डील के बावजूद भी Microsoft Open AI का सबसे बड़ी इन्वेस्टर कंपनी बनी रहेगी, क्योंकि OpenAI Group PBC में माइक्रोसॉफ्ट का 27% स्टेक है. इसकी वैल्यू करीब $135 बिलियन तक पहुंच सकती है.
दिलचस्प ये है कि अब भी OpenAI का कंट्रोलिंग स्टेक OpenAI Foundation के पास ही है जो एक नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन है. नई डील होते ही माइक्रोसॉफ्ट के शेयर्स 2.5% बढ़े.
OpenAI फाउंडेशन के चेयर ने इस डील के बाद कहा है कि कंपनी ने अपनी कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर को आसान बना दिया है. नॉनप्रॉफिट संगठन अब फॉर-प्रॉफिट हिस्से को कंट्रोल करेगा और AGI आने से पहले कंपनी को बड़े संसाधनों तक सीधी पहुंच मिलेगी.
Azure क्लाउड से भी बड़ा फायदा
इस डील में एक और अहम बात ये है कि OpenAI अब अपने AI मॉडल्स को चलाने के लिए Microsoft के Azure क्लाउड प्लेटफॉर्म का और ज्यादा इस्तेमाल करेगी. दोनों कंपनियों के बीच अरबों डॉलर का क्लाउड कॉन्ट्रैक्ट साइन हुआ है.
Microsoft ने बताया कि OpenAI अब उसके Azure क्लाउड से $250 बिलियन के सर्विसेज़ खरीदेगा. इसके बदले Microsoft को अब OpenAI के लिए ‘पहला हक़’ यानी right of first refusal नहीं मिलेगा, यानी फ्यूचर में OpenAI चाहे तो किसी और क्लाउड सर्विस भी ले सकता है.
क्यों है ये डील बड़ी
ये समझौता टेक वर्ल्ड के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है. OpenAI के पास अब पैसा और Microsoft की टेक सपोर्ट दोनों हैं. यानी आने वाले समय में एआई के नए मॉडल्स और टूल्स में तेजी देखने को मिल सकती है.
दूसरी तरफ, Microsoft को भी इस डील से जबरदस्त फायदा होगा. कंपनी का Azure क्लाउड प्लेटफॉर्म अब और बड़ा बिजनेस खींच सकता है, जिससे उसकी पोजीशन Google और Amazon जैसे दिग्गजों के सामने और मजबूत हो जाएगी.
क्या आगे IPO का रास्ता खुला?
OpenAI के इस री-स्ट्रक्चर के बाद मार्केट में चर्चा है कि कंपनी आने वाले वक्त में IPO (Initial Public Offering) ला सकती है. हालांकि, कंपनी ने इस पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.
---- समाप्त ----

3 hours ago
1






















English (US) ·