पोस्ट ऑफिस की कई योजनाओं में लोग निवेश करते हैं, क्योंकि यह एक ऐसा निवेश है, जिसमें रिस्क कम होता है और रिटर्न का लाभ भी मिलता है. इसके अलावा, इस योजना के तहत टैक्स छूट का भी दावा किया जा सकता है. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) ऐसी ही एक योजना में से एक है. यह उन लोगों के लिए एक भरोसेमंद निवेश है, जो कम रिस्क वाले टैक्स फ्री निवेश रिटर्न की तलाश कर रहे हैं.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) के तहत 7.1% सालाना टैक्स फ्री ब्याज पेश करता है, PPF हाई टैक्स ब्रैकेट वाले व्यक्तियों के लिए एक शानदार विकल्प माना जाता रहा है. वहीं कई लोग एफडी में भी पैसा निवेश करते हैं. ऐसे में अगर आप भी पीपीएफ और एफडी को लेकर कंफ्युज हैं तो आइए जानते हैं आपके लिए कौन सी बेहतर स्कीम हो सकती है.
पीपीएफ टैक्सपेयर्स के लिए कैसे बेहतर है?
PPF की टैक्स फ्री स्थिति टॉप टैक्सपेयर्स के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो जाती है. क्योंकि सिर्फ इस योजना में निवेश करने से आप 30 फीसदी वाले ब्रैकेट से बाहर हो सकते हैं. अगर मान लीजिए आपने इस योजना के तहत निवेश किया है और आप डेढ़ लाख के अंतर से 30 फीसदी टैक्स ब्रैकेट में आ रहे हैं तो यह योजना आपको वहां से निकाल सकती है.
अगर एफडी से तुलना करें तो एक कैलकुलेशन के मुताबिक, 7% रिटर्न देने वाला फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) 30% टैक्स ब्रैकेट में केवल 4.9% का शुद्ध टैक्स-पश्चात रिटर्न देगा, जबकि PPF में 10.14% रिटर्न मिलेगा. इसलिए ज्यादा इनकम होने पर भी यह योजना आपको बड़ा लाभ दे सकती है.
रणनीतिक तौर पर पीपीएफ में करें निवेश
इसके लाभों के बावजूद निवेशकों को टैक्स सेविंग रणनीति के हिस्से के तौर पर PPF में अपने योगदान को समझदारी से आवंटित करना चाहिए. धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये की वार्षिक अंशदान सीमा को बीमा प्रीमियम और होम लोन मूलधन पुनर्भुगतान जैसी अन्य पात्र कटौतियों के साथ विचार किया जाना चाहिए. यह अनावश्यक दोहराव के बिना टैक्स बेनिफिट्स का इस्तेमाल सुनिश्चित करता है. विभिन्न साधनों में निवेश को रणनीतिक रूप से संतुलित करके, करदाता पोर्टफोलियो विविधता बनाए रखते हुए अपनी बचत को अधिकतम कर सकते हैं.
15 साल का लॉक इन पीरियड
PPF एक सरकार द्वारा समर्थित योजना है, यह धारा 80C के तहत कटौती योग्य योगदान के साथ अनुशासित बचत को प्रोत्साहित करती है. यह EEE (छूट-छूट-छूट) स्थिति का दावा करता है, जिसका अर्थ है कि योगदान, अर्जित ब्याज और परिपक्वता आय सभी टैक्स फ्री हैं. हालांकि इसमें 15 साल की लॉक-इन अवधि है, लेकिन विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए सातवें वर्ष के बाद आंशिक निकासी की अनुमति है, जो लचीलेपन की एक परत जोड़ती है. यह योजना अभी 7.1 फीसदी का ब्याज दे रहा है, लेकिन लॉन्ग टर्म में यह करोड़पति बना सकता है.