दिल्ली के गांधी विहार में जले हुए एक अपार्टमेंट से मिली लाश ने राजधानी की पुलिस को झकझोर दिया था. शुरुआत में यह हादसा लगा था, लेकिन जैसे-जैसे सबूत मिले, कहानी भयावह होती चली गई. यह मामला यूपीएससी एस्पिरेंट रामकेश मीणा की हत्या का था, जिसे उसके लिव-इन पार्टनर और फोरेंसिक साइंस की स्टूडेंट अमृता चौहान ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया था.
इस केस में अब एक बड़ा खुलासा हुआ है. 21 साल की अमृता, जिसे आज हत्या की आरोपी कहा जा रहा है, उसे उसके अपने परिवार ने एक साल पहले ही बेदखल कर दिया था. इंडिया टुडे को मिले एक अखबार के विज्ञापन में उसके माता-पिता ने 8 जुलाई 2024 को सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि वे उससे सारे रिश्ते खत्म कर रहे हैं. इस विज्ञापन की कॉपी कोर्ट में सबूत के तौर पर जमा की गई है.
दिल्ली पुलिस के अनुसार, फोरेंसिक साइंस की छात्रा अमृता चौहान मई 2024 से लिव-इन में रह रही थी. सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन जब उसे पता चला कि रामकेश ने चोरी-छिपे उसके प्राइवेट वीडियो रिकॉर्ड कर लिए हैं, तो रिश्ता खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया. बार-बार कहने के बावजूद रामकेश ने उसका वीडियो डिलीट करने से मना कर दिया. गुस्से में अमृता ने एक्स-बॉयफ्रेंड सुमित कश्यप से संपर्क किया.

इसके बाद अमृता, सुमित और उनके एक दोस्त संदीप कुमार ने मिलकर हत्या की साजिश रच डाली. 5 से 6 अक्टूबर की रात सुमित और संदीप मुरादाबाद से दिल्ली आए. गांधी विहार के जिस फ्लैट में रामकेश रहता था, वहां की सीसीटीवी फुटेज में दो नकाबपोश अंदर जाते दिखे. उनके कुछ सेकंड बाद एक महिला भी अंदर जाती दिखाई दी. सुबह 2:57 बजे वही महिला और एक शख्स बाहर निकलते देखे गए.
डीसीपी (नॉर्थ) राजा बंथिया ने बताया कि उनके बाहर आने के कुछ ही मिनट बाद फ्लैट में धमाका हुआ और सब कुछ आग की लपटों में तब्दील हो गया. पुलिस हिरासत में आरोपियों ने जो खुलासा किया है, उसके मुताबिक, उन्होंने पहले रामकेश का गला घोंटा, फिर उसके शरीर पर घी, तेल और शराब डाली. इसके बाद गैस सिलेंडर का वाल्व खोल दिया ताकि धमाके से हत्या को हादसा दिखाया जा सके.
उन्होंने गेट को अंदर से लॉक करने के लिए छोटा छेद छोड़ रखा था. अमृता की फोरेंसिक ट्रेनिंग ने उसे सबूत मिटाने में राह दिखाई. उसने घटना को ऐसे पेश करने की कोशिश की कि यह महज़ एक बिजली के झटके से लगी आग लगे. लेकिन फोरेंसिक टीम ने जो आग का पैटर्न देखा, उससे शक गहरा गया. सीसीटीवी और मोबाइल लोकेशन ने उस इलाके में अमृता की मौजूदगी की पुष्टि भी कर दी.

उसके फोन कॉल रिकॉर्ड्स से भी यह साफ हो गया कि वह उसी रात घटनास्थल के पास थी. 18 अक्टूबर को पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया. पूछताछ के दौरान उसने अपना जुर्म कबूल किया और विस्तार से बताया कि कैसे रामकेश मीणा की हत्या की गई और उसके बाद फ्लैट को जलाया गया. पुलिस ने 21 अक्टूबर को सुमित और 23 अक्टूबर को संदीप को भी पकड़ लिया. उनके पास से कई सामान बरामद हुए.
उनमें एक हार्ड डिस्क, दो मोबाइल फोन, एक ट्रॉली बैग और रामेकश की शर्ट था. क्राइम वेब सीरीज और फोरेंसिक थ्योरी से प्रभावित अमृता को यह भ्रम हो गया था कि वो एक परफेक्ट क्राइम कर सकती है. लेकिन डिजिटल सबूतों और उसके खुद के कबूलनामे ने उसकी साजिश पर पानी फेर दिया. इस केस में अब वह विज्ञापन, जो 2024 में उसके परिवार ने छपवाया था, एक अहम सबूत बन गया है.
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