बांदा में भारी बारिश के बाद अनाज मंडी जलमग्न हो गई, जिससे सैकड़ों किसानों का हजारों कुंतल अनाज भीगकर सड़ गया. दुकानदारों ने मंडी समिति पर हर माह 70 हजार रुपये लेने के बावजूद सफाई न कराने का आरोप लगाया. शिकायत के बाद डीएम जे. रिभा ने सिटी मजिस्ट्रेट को मौके पर भेजा और तत्काल सफाई के निर्देश दिए.
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मोटे अनाज भीगकर सड़ गए. (Photo:Siddhartha Gupta/ITG)
उत्तर प्रदेश के बांदा में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. शहर कोतवाली क्षेत्र की अनाज मंडी में जलभराव के कारण भारी नुकसान की खबर सामने आई है. मंडी की नालियों की समय पर सफाई न होने से वहां करीब एक से दो फीट तक पानी भर गया, जिसमें किसानों और दुकानदारों का हजारों कुंतल गेंहू, चावल, चना और मसूर जैसे मोटे अनाज भीगकर सड़ गए.
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स्थानीय व्यापारियों का आरोप है कि मंडी समिति हर महीने सफाई के नाम पर 70 हजार रुपये वसूलती है, लेकिन व्यावहारिक रूप से न तो नालियों की सफाई होती है और न ही जल निकासी की कोई व्यवस्था है. बारिश के बाद मंडी में बदबू फैल गई है और गोदामों में रखा अनाज पूरी तरह बर्बाद हो चुका है. इससे किसानों और व्यापारियों को भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है.
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व्यापारियों और किसानों ने इस स्थिति को लेकर जिलाधिकारी जे. रिभा से शिकायत की. इसके बाद डीएम ने तुरंत सिटी मजिस्ट्रेट को मौके पर भेजकर सफाई कराने के निर्देश दिए. डीएम ने मंडी समिति को भी जमकर फटकार लगाई है.
मामले में DM ने कही ये बात
डीएम जे. रिभा ने बयान में कहा कि उन्हें मंडी में जलभराव और अनाज के सड़ने की शिकायत मिली थी. स्थिति को देखते हुए सिटी मजिस्ट्रेट को निरीक्षण के लिए भेजा गया है और तत्काल सफाई शुरू कराई गई है. प्रशासन का कहना है कि व्यापारियों की समस्याओं का जल्द समाधान किया जाएगा.
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