कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा था कि ऐसा पता चला है कि पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को अमेरिकी सेना के स्थापना दिवस के मौके पर वॉशिंगटन डीसी में बतौर गेस्ट आमंत्रित किया गया था. राजनयिक और रणनीति दृष्टि से यह खबर भारत के लिए बड़ा झटका है.
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अमेरिकी सैन्य परेड में पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर के शामिल होने की क्या है सच्चाई?
अमेरिका में सेना की स्थापना की 250वीं वर्षगांठ का जश्न मनाया जा रहा है. इस मौके पर वॉशिंगटन डीसी में भव्य सैन्य परेड का आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित कई हाई प्रोफाइल शख्सियतों ने हिस्सा लिया. इस बीच दावे किए गए कि पाकिस्तानी सेना के चीफ जनरल आसिम मुनीर बतौर गेस्ट इस सैन्य परेड में शामिल होने का न्योता दिया गया. लेकिन इन दावों में कितनी सच्चाई है?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा था कि ऐसा पता चला है कि पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को अमेरिकी सेना के स्थापना दिवस के मौके पर वॉशिंगटन डीसी में बतौर गेस्ट आमंत्रित किया गया था. राजनयिक और रणनीति दृष्टि से यह खबर भारत के लिए बड़ा झटका है.
उन्होंने कहा कि यह वही शख्स (मुनीर) है, जिसने पहलगाम आतंकी हमले से पहले भड़काऊ और उकसावे वाला बयना दिया था. इससे अमेरिका की मंशा पर भी सवाल खड़ा हो गया है.
इसके बाद सोशल मीडिया पर ये अटकलें थीं कि क्या अमेरिका ने सैन्य परेड के मौके पर बतौर गेस्ट बुलाने के लिए मुनीर को न्योता दिया था. इस पर अमेरिका ने रविवार को स्पष्टीकरण दिया.
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह खबर गलत है. सैन्य परेड में किसी भी विदेशी सैन्य अधिकारी को न्योता नहीं भेजा गया था.
अमेरिकी सरकार के इस स्पष्टीकरण के बाद बीजेपी ने जयराम रमेश पर गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाया. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति वैमनस्य की भावना की वजह से जयराम रमेश ने गैरजिम्मेदाराना तरीके से झूठे दावे किए पाकिस्तानी सेना के चीफ जनरल आसिम मुनीर को अमेरिकी सैन्य परेड में शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया था.
बता दें कि 14 जून को डोनाल्ड ट्रंप के जन्मदिन के साथ-साथ अमेरिकी सेना की स्थापना की 250वीं वर्षगांठ भी थी, जिस मौके पर वॉशिंगटन डीसी में भव्य सैन्य परेड का आयोजन किया गया. लेकिन इसका अमेरिका में व्यापक विरोध भी हो रहा है.
अमेरिका में इस भव्य सैन्य परेड में 6000 से ज्यादा सैनिक, 150 से ज्यादा बख्तरबंद गाड़ियों और 50 से ज्यादा लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया. इस भव्य परेड पर 350 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि खर्च होने की बात कही जा रही है, जिसका विरोध हो रहा है.