अयोध्या में राम मंदिर की पहली मंजिल पर स्थापति राम दरबार अब भक्तों के लिए खोल दिया गया है. यहां दर्शन के लिए रामलला की तरह ही पास लेने होंगे. राम दरबार के दर्शन की व्यवस्था शुरू किए जाने को लेकर शनिवार देर शाम फैसला लिया गया. इसलिए शनिवार को सिर्फ दो स्लॉट (शाम 5 से 7 और 7 से 9 बजे) के लिए सीमित संख्या में पास जारी किए गए.
दरअसल, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन की परंपरा अब एक नए और भव्य रूप में परिवर्तित हो गई है. श्रद्धालु अब सिर्फ बाल स्वरूप रामलला के नहीं, बल्कि पूरे राम दरबार- राजा राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी के भी दर्शन कर सकेंगे. यह नई दर्शन-व्यवस्था आज से प्रभावी हो गई है, जिससे भक्तों में खासा उत्साह देखा जा रहा है.
दर्शन के लिए 6 स्लॉट, हर स्लॉट में 300 भक्त
राम मंदिर ट्रस्ट ने दर्शन की सुविधा को व्यवस्थित और सुगम बनाने के लिए पूरे दिन को छह भागों में बांटा है. हर स्लॉट में अधिकतम 300 श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे. प्रत्येक स्लॉट का समय दो घंटे रखा गया है.
यह समय निर्धारित...
- सुबह 7:00 से 9:00 बजे
- सुबह 9:00 से 11:00 बजे
- दोपहर 1:00 से 3:00 बजे
- दोपहर 3:00 से 5:00 बजे
- शाम 5:00 से 7:00 बजे
- रात 7:00 से 9:00 बजे
हर स्लॉट में दर्शन के लिए कुल 300 पास
प्रत्येक स्लॉट में कुल 300 पास जारी किए जाएंगे. इन पासों को दो संस्थाओं जिला प्रशासन और राम मंदिर ट्रस्ट के बीच बांटा गया है. दोनों को प्रत्येक स्लॉट के लिए 150-150 पास दिए गए हैं.
पास की दो श्रेणियां
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और जिला प्रशासन के बीच प्रत्येक स्लॉट के लिए कुल 150-150 पास निर्धारित किए गए हैं. इन्हें दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है. हर स्लॉट के 300 पास में से 150 पास जिला प्रशासन को और 150 पास ट्रस्ट को दिए जाएंगे. इनमें 100 पास विशेष दर्शन के लिए और 50 पास आसान पहुंच वाले दर्शन के लिए होंगे. इन पासों के जरिए श्रद्धालुओं को बेहतर और शांतिपूर्ण दर्शन अनुभव सुनिश्चित किया जाएगा.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि यह नई व्यवस्था श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव देने के उद्देश्य से की गई है. उन्होंने कहा, यह विशेष पास की व्यवस्था श्रद्धालुओं को दर्शन का सुव्यवस्थित और सहज अनुभव देने के लिए की गई है. अब रामलला के साथ पूरा राम दरबार दर्शनार्थियों के लिए साक्षात होगा.
दक्षिणे लक्ष्मणो यस्य वामे तु जनकात्मजा।
पुरतो मारुतिर्यस्य तं वन्दे रघुनन्दनम्॥
जिसके दाहिने लक्ष्मण हैं, बाएँ जनकनंदिनी सीता हैं, और जिसके सम्मुख पवनपुत्र हनुमान हैं, मैं उन रघुकुलनंदन श्रीराम को नमस्कार करता हूँ।
On whose right stands Lakshmana, on whose left Sita ji, and… pic.twitter.com/Nbh5lnuKiY
राम दरबार का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह 5 जून को संपन्न हुआ था. इस अवसर पर श्रीराम के राजसी स्वरूप के साथ-साथ राम जन्मभूमि परिसर में नव-निर्मित आठ मंदिरों में विग्रहों की स्थापना की गई थी. राम दरबार में भगवान श्रीराम के साथ माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं. ट्रस्ट के अनुसार, मंदिर परिसर में अन्य देवताओं की भी प्रतिष्ठा की गई है. पूर्वोत्तर कोने में भगवान शिव, दक्षिण-पूर्व में भगवान गणेश, दक्षिण में हनुमान जी, दक्षिण-पश्चिम में सूर्यदेव, उत्तर-पश्चिम में भगवती देवी, उत्तर में माता अन्नपूर्णा शामिल हैं.
नागर शैली में बना भव्य मंदिर
यह मंदिर पारंपरिक नागर शैली में निर्मित है. इसकी लंबाई 360 फीट, चौड़ाई 235 फीट और ऊंचाई 161 फीट है. यह 2.77 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और तीन मंजिला संरचना में निर्मित है. इसमें कुल 392 नक्काशीदार स्तंभ, 44 द्वार और हिंदू देवी-देवताओं की समृद्ध मूर्तिकला दिखाई देती है.