यूपी के आगरा में अवैध धर्मांतरण मामले में पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. सख्त सुरक्षा के बीच सभी आरोपियों को कोर्ट लाया गया, जहां कोर्ट ने 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया. पूछताछ के दौरान आरोपियों से देश-विदेश में फैले नेटवर्क का खुलासा होने की उम्मीद है.
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कोर्ट ने आरोपियों को पुलिस रिमांड पर भेजा. (Screengrab)
उत्तर प्रदेश के आगरा में बड़े अवैध धर्मांतरण रैकेट का खुलासा हुआ है. पुलिस ने देश के छह राज्यों से जुड़े 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिन्हें कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त रही. कोर्ट ने सभी आरोपियों को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है, ताकि इनसे पूछताछ कर पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया जा सके.
अदालत में पेशी से पहले दीवानी परिसर में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया गया. पुलिस ने कचहरी परिसर के अंदर और बाहर पुख्ता सुरक्षा घेरा बनाया. दीवानी कचहरी के गेट नंबर चार से कोर्ट तक दोनों ओर पुलिस और एसएसएफ के जवानों की तैनाती रही.
वज्र वाहन में बैठाकर सभी 10 आरोपियों को कोर्ट लाया गया. वाहन के चारों ओर सुरक्षा बल का घेरा बनाकर आरोपियों को कोर्ट परिसर तक ले जाया गया. इस दौरान सभी आरोपी अपने चेहरे को कपड़ों से ढंके हुए थे.
इस मामले में सहायक अभियोजन अधिकारी संजीव कुमार यादव ने बताया कि उनकी ड्यूटी सीजेएम कोर्ट में थी, जहां 10 आरोपियों को पेश किया गया. उन्होंने कोर्ट में 14 दिन की पुलिस रिमांड की मांग करते हुए कहा कि गिरफ्तार आरोपियों का नेटवर्क न केवल देश के विभिन्न राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल, राजस्थान, दिल्ली और गोवा में फैला है, बल्कि इनके अंतरराष्ट्रीय संपर्क भी हो सकते हैं. इन्हीं तथ्यों को आधार बनाकर कोर्ट ने आरोपियों को 10 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया.
अधिकारियों के अनुसार, पूछताछ के दौरान आरोपियों से उनके नेटवर्क, फंडिंग स्रोत और अन्य साथियों की जानकारी हासिल करने की कोशिश की जाएगी. पुलिस अब इस पूरे रैकेट की गहन जांच में जुट गई है. गिरफ्तार सभी आरोपियों पर संगठित गिरोह बनाकर धर्मांतरण कराने का आरोप है. पुलिस का कहना है कि पूछताछ में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है.
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