आसिम मुनीर जंग तो PAK की भूखी-बेरोजगार जनता भारत से चाहती है व्यापार! सर्वे में खुलासा

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भारत पर युद्ध थोपने वाले पाकिस्तान की भूखी और बेरोजगार जनता भारत के साथ व्यापार शुरू करने के पक्ष में है ताकि देश की हालत में कुछ सुधार हो. पाकिस्तान की सरकार और उसका 'जिहादी जनरल' आसिम मुनीर जहां भारत से हर वक्त जंग की बात करते हैं, वहीं वहां की जनता भारत के साथ संबंधों को आगे ले जाने के पक्ष में है. पाकिस्तान में फिलहाल भारी महंगाई और बेरोजगारी है, आटा, तेल और दूध जैसी जरूरी वस्तुओं की कीमत आसमान छू रही है. ऐसे में जनता चाहती है कि भारत के साथ व्यापार शुरू हो ताकि देश की आर्थिक हालत में कुछ सुधार हो.

अमेरिकी एनालिटिक्स और एडवाइजरी कंपनी गैलप की पाकिस्तान ईकाई ने एक सर्वे कराया है जिसमें पाकिस्तान की तकरीबन आधी जनता भारत के साथ व्यापार के पक्ष में है. गैलप ने यह सर्वे इसी महीने 12 से 18 मई के बीच कराया. 10 मई को ही भारत और पाकिस्तान में चार दिनों से चल रही लड़ाई के बाद युद्धविराम हुआ था. 

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में पाकिस्तान स्पॉन्सर आतंकवादियों ने धर्म पूछ-पूछकर 26 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. मरने वालों में अधिकतर पर्यटक थे. इस हमले के लिए भारत ने पाकिस्तान को दोषी ठहराया और 6-7 मई की दरमियानी रात पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर दी. इसके बाद दोनों देशों में युद्ध शुरू हुआ जो 10 मई को संघर्षविराम के बाद खत्म हुआ. 

संघर्षविराम के तुरंत बाद किए गए सर्वे में पाकिस्तानियों ने क्या कहा?

संघर्षविराम के तुरंत बाद 12 मई को किए गए सर्वे में पाकिस्तानियों का भारत से व्यापार शुरू करने के पक्ष में होना बहुत कुछ दिखाता है. यह दिखाता है कि पाकिस्तानी अपने देश के आर्थिक हालात से कितने त्रस्त हैं और वो भारत के खिलाफ अपनी सरकार के प्रोपेगैंडा पर कितना भरोसा करते हैं.

गैलप सर्वे में शामिल 49% पाकिस्तानियों ने कहा कि उनके देश को भारत के साथ व्यापार शुरू कर देना चाहिए. हालांकि, 35% पाकिस्तानियों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया और कहा कि पहले सभी लंबित मुद्दों को सुलझाया जाना चाहिए.

सर्वे में शामिल पाकिस्तानियों से यह पूछा गया कि भारत के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए? इस सवाल पर 48% पाकिस्तानियों ने खेल के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का समर्थन किया जबकि 35% ने इसका विरोध किया.

44 प्रतिशत पाकिस्तानियों ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग बढ़ाया जाना चाहिए, जबकि 36 प्रतिशत ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया. 40 प्रतिशत ने सांस्कृतिक संबंध बढ़ाने के पक्ष में मत दिया, जबकि 35 प्रतिशत ने इस प्रस्ताव का खुलकर विरोध किया.

इन आंकड़ों से साफ है कि पाकिस्तान के अधिकांश लोग भारत के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने के पक्ष में हैं ताकि इससे उनके देश के विकास में योगदान मिले.

पहलगाम हमले के बाद पूरी तरह रुक गया भारत-पाकिस्तान व्यापार

भारत और पाकिस्तान के बीच साल 2019 से ही व्यापार लगभग बंद है. 5 अगस्त 2019 को जब भारत ने जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था तब पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने राजनयिक रिश्ते सीमित कर लिए थे.

इसी तनाव के बीच दोनों देशों में होने वाले करीब 90% व्यापार पर रोक लग गई. इस रोक से पाकिस्तान को काफी नुकसान हुआ. पाकिस्तान का कपड़ा और फार्मा उद्योग कच्चे माल के लिए भारत पर निर्भर है जिससे उसके उन उद्योगों को भारी हानि उठानी पड़ी. पाकिस्तान के चीनी उद्योग को भी काफी नुकसान हुआ. 

पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव के बावजूद प्रत्यक्ष और तीसरे देशों के जरिए से कुछ मात्रा में व्यापार हो रहा था लेकिन पहलगाम हमले के बाद भारत ने इस पर भी रोक लगा दी है.

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