ईरान और इजरायल के बीच बीते पांच दिनों से चल रही युद्ध की वजह से मध्य पूर्व समेत पूरी दुनिया पर संकट गहराता जा रहा है. दोनों देशों के बीच चल संघर्ष का असर भारतीय लोगों की जेब पर भी पड़ने वाला है. भारत के कई सेक्टर इससे प्रभावित होने वाले हैं.
आइए समझते हैं कि ईरान-इजरायल युद्ध का असर भारत पर कैसे पड़ेगा.
कच्चे तेल का झटका: कीमतें पहले से ही बढ़ रही हैं
कच्चे तेल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है. हालांकि, भारत ईरान से सीधे तौर पर ज्यादा तेल नहीं खरीदता है. लेकिन ईरान वैश्विक तेल मार्केट में प्रमुख खिलाड़ी है.
दोनों देशों के बीच शुरू हुए युद्ध के बाद कच्चे तेल की कीमतों में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. ब्रेंट क्रूड 75.32 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है.
आगे क्या होगा?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर दोनों देशों के बीच युद्ध जारी रहता है तो ब्रेंट क्रूड की कीमत 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है. जिससे भारत में भी महंगाई बढ़ जाएगी. इसका मतलब ये है कि सरकार के प्रयासों के बावजूद ईंधन महंगा होता जाएगा.
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होर्मुज जलडमरूमध्य: एक छोटा रास्ता, बड़ा असर
होर्मुज जलडमरूमध्य - ईरान के नजदीक यह जलमार्ग काफी संकीर्ण है. इस जलमार्ग से दुनिया के एक तिहाई समुद्री तेल जाता है. भारत के लिए ये रास्ता अहम है. क्योंकि भारत का दो-तिहाई तेल और आधी एलएलजी की सप्लाई इसे रास्ते से आपूर्ति होती है.
अगर यह रास्ता बंद हो जाता है तो तेल की कमी, शिपिंग में देरी आएगी और कीमतों में उछाल आएगा.
कौन-कौन सी चीजें भारत में महंगी हो सकती हैं?
अगर ईरान-इजरायल के बीच युद्ध जारी रहता है तो भारत में कई चीजें महंगी हो सकती हैं.
- मोबाइल, लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान
- खाद – जिससे फसल और खाने के दाम बढ़ सकते हैं
- रासायनिक उत्पाद, प्लास्टिक और औद्योगिक नमक
- फल, मेवे और खाद्य तेल
- लोहे और मशीनों के सामान
- सोना-चांदी और कीमती पत्थरों के गहने
भारत का ईरान-इजरायल के साथ संबंध कैसे हैं?
भारत का ईरान और इजरायल दोनों ही देश से संबंध अच्छे हैं. क्योंकि भारत दोनों देशों से तालमेल अच्छा रखता है.
भारत इजरायल के बीच रक्षा उपकरण, रसायन, खाद और इलेक्ट्रॉनिक सामान का व्यापार मुख्य तौर पर होता है.
वहीं, ईरान और भारत के बीच तेल, रसायन, नमक, फल और सीमेंट का व्यापार मुख्य तौर पर होता है.
ताजा आंकड़े क्या कहते हैं?
मार्च 2024 से 2025 के बीच, भारत से ईरान का एक्सपोर्ट 47.1 प्रतिशत बढ़ा और ईरान से 23.6 प्रतिशत इम्पोर्ट घटा है.
भारतीयों के लिए सीधा असर
युद्ध जारी रहा तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा होगा. ट्रांसपोर्ट महंगा होगा, जिससे रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजों की कीमतें बढ़ जाएंगी. इलेक्ट्रॉनिक सामान महंगे हो जाएंगे. खाद महंगी होने से फल-सब्जियों की कीमत पर भी असर पड़ेगा.
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विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
ORF के उपाध्यक्ष हर्ष वी पंत का कहना है कि अगर इजरायल और ईरान के बीच युद्ध जारी रहता है तो भारत में तेल की कीमतों में इजाफा होगा. इससे आम लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा. G7 के देशों ने ईरान-इजरायल के बीच तनाव घटाने की बात कही है. हालांकि, कोई ठोस समाधान की बात नहीं कही. जिसका साफ मतलब है कि अभी फिलहाल हालात सुधरने वाले नहीं हैं.