ईरान पर इजरायल के भीषण हमले से उसे भारी नुकसान हुआ है. इजरायल ने न सिर्फ ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को बर्बाद किया है बल्कि ईरान के दो बड़े सैन्य अधिकारियों की भी हत्या कर दी है. इजरायली हमलों में ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल हुसैन बघेरी और ईरान के एलिट फोर्स रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के चीफ कमांडर हुसैन सलामी भी मारे गए हैं. ईरान के कहा है कि वो इस हमले का बदला जरूर लेगा. दोनों देशों में बढ़े तनाव और इजरायल पर ईरान के संभावित हमलों को देखते हुए तेल के दाम बढ़ गए हैं.
हमले के बाद शुक्रवार को तेल के दाम अचानक से 7% बढ़ गए जो कि इस महीने में सबसे अधिक है. कच्चे तेल का वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 4.60 डॉलर यानी 6.63% बढ़कर 73.96 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जो 27 जनवरी के बाद सबसे अधिक अधिक है. अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 4.99 डॉलर या 7.33% बढ़कर 73.03 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जो 21 जनवरी के बाद सबसे अधिक है.
फरवरी 2022 में शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से यह पहली बार है जब कच्चे तेल की कीमतें एक दिन में इतनी ऊंची गई हों.
तेल की बढ़ी कीमत इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि इजरायल का कहना है कि वो ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकने के लिए उसके खिलाफ लंबी मुहिम चलाएगा.
आरबीसी कैपिटल की विश्लेषक हेलिमा क्रॉफ्ट ने कहा, 'एक अहम सवाल यह है कि क्या ईरान की जवाबी कार्रवाई इजरायल तक ही सीमित रहेगी या फिर ईरान इजरायल से आगे बढ़कर भी क्षेत्र के सैन्य अड्डों और इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाएगा.'
सिंगापुर में कई तेल व्यापारियों ने कहा कि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि इस हमले से मध्य पूर्व के तेल निर्यात पर असर पड़ेगा या नहीं, क्योंकि अभी यह साफ नहीं है कि ईरान किस तरह की जवाबी कार्रवाई करेगा और अमेरिका इसमें हस्तक्षेप करेगा या नहीं.
एक व्यापारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए कहा, 'अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन मुझे लगता है कि बाजार होर्मुज की खाड़ी के बंद होने को लेकर चिंतित है.'
क्या है स्ट्रेट ऑफ होर्मूज जिसके बंद होने की संभावना को लेकर चिंतित है तेल बाजार?
होर्मूज की खाड़ी आठ द्वीपों से मिलकर बना समुद्री रास्ता है जिसके सात द्वीपों पर ईरान का नियंत्रण है. खाड़ी के एक तरफ अमेरिका समर्थक अरब देश हैं तो दूसरी तरफ ईरान है. इस खाड़ी में दो समुद्री रास्ते हैं जिससे जहाजों की आवाजाही में आसानी होती है. यह खाड़ी तेल व्यापार के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि यहां से दुनिया के सबसे बड़े तेल टैंकर और जहाज गुजरते हैं.
इसी रास्ते से होकर एशिया, अमेरिका, यूरोप और दुनिया के अन्य बाजारों में मध्य-पूर्व का तेल पहुंचता है. 2023 में हर दिन इस खाड़ी से 2.09 करोड़ बैरल तेल गुजरा जो कि दुनिया के पेट्रोलियम खपत का 20% हिस्सा है. इसके अलावा, 2023 में ही इस रास्ते से 8 करोड़ प्राकृतिक गैस (LNG) का परिवहन हुआ.
ईरान भी इसी रास्ते से अपना तेल दुनिया के बाकी हिस्सों में भेजता है. हालांकि, उस पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से उसके तेल व्यापार में गिरावट आई है.
इजरायल के हमले के बाद माना जा रहा है तनाव और बढ़ेगा और ईरान होर्मूज की खाड़ी को बंद कर सकता है. ईरान पहले भी कई बार होर्मूज की खाड़ी को बंद करने की धमकी देता रहा है. अगर ऐसा होता है तो तेज बाजार में भारी अव्यवस्था फैल जाएगी जिसका असर भारत समेत दुनिया के सभी देशों पर होगा.
भारत में बढ़ सकती है महंगाई
तेल की कीमतें बढ़ती हैं तो इसका सीधा प्रभाव महंगाई पर पड़ता है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है. भारत की अर्थव्यवस्था तेल पर आधारित है और यह अपने घरेलू जरूरत के 85 प्रतिशत से अधिक हिस्से के लिए आयात पर निर्भर है.
यह सऊदी अरब, इराक, यूएई जैसे मध्य-पूर्वी देशों से बड़ी मात्रा में तेल खरीदता है. अगर ईरान ने होर्मूज की खाड़ी से तेलों की आवाजाही पर रोक लगाई तो तेल की कीमतें बहुत बढ़ जाएंगी जिससे भारत में महंगाई बढ़ेगी.
तेल के दाम बढ़ने से यातायात सेवाओं के दाम बढ़ेंगे और हर क्षेत्र में परिवहन की आवश्यकता होती है जिससे सभी चीजों के दाम बढ़ सकते हैं.