ईरान में इजरायल के पॉइंट टू पॉइंट अटैक... मोसाद की इस रणनीति ने फिर चौंका दिया!

21 hours ago 1

इजरायल ने शुक्रवार की सुबह ईरान पर एक साथ कई हवाई हमले किए. दोनों देशों के बीच काफी समय से तनातनी चल रही है. इजरायल को ऐसी खुफिया जानकारी मिली थी, जिसमें  ईरान में परमाणु बम बनाने के संकेत मिले थे.  कई चेतावनियों के बाद आज तड़के इजरायल ने ईरान के परमाणु साइट पर हमला बोल दिया. ये हमले इतने सटीक थे कि सिर्फ ईरान स्थित परमाणु प्लांट, वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों के ठिकाने ही तबाह हुए. 

इजरायल के आईडीएफ ने ये स्पष्ट कर दिया है कि उनकी खुफिया एजेंसी (मोसाद) से मिली सटीक जानकारी के बाद ही ये हमला हुआ है और सिर्फ उन जगहों पर ही प्रहार किया गया, जहां उनका परमाणु कार्यक्रमऔर इजरायल विरोधी सैन्य गतिविधियां चल रही थी. जब बात इजरायल की खुफिया एजेंसी की आती है तो हर किसी के जेहन में मोसाद का नाम कौंध जाता है. 

अपने कारनामों के लिए जाना जाता है मोसाद
मोसाद इजरायल की खुफिया एजेंसी है और ये दुनिया की सबसे खतरनाक और तेज-तर्रार एजेंसी मानी जाती है. इसके काम करने का तरीका इतना सटीक होता है कि दुश्मन इसके नाम से ही खौफ खाते हैं. चाहे वो हमास के छुपे हुए शीर्ष कमांडर को खोजकर मौत के घाट उतारना हो, या फिर ईरान के अतिसुरक्षित परमाणु कार्यक्रम की डिटेल उड़ानी हो. हर काम में मोसाद के तेज-तर्रार एजेंट सफाई से अंजाम देते हैं. 

अब आईडीएफ ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत जब ईरान के नतांज परमाणु स्थल पर हमला किया, इसके पहले सारा होमवर्क मोसाद का था. क्योंकि ईरान पर हमले के बाद आईडीएफ ने इसकी पुष्टि भी की. यरुशल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल सैन्य अधिकारियों ने बताया कि खुफिया एजेंसियों से जानकारी मिली थी कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम में काफी तेजी आई है. पता चला है कि ईरानी शासन परमाणु हथियार बनाने का प्रयास कर रही है. 

ईरान के सारे परमाणु ठिकाने की दी सूचना 
आईडीएफ के अनुसार मोसाद ने ही वो खुफिया जानकारी उपलब्ध कराई थी, जिसमें  हजारों किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम के उत्पादन के प्रयास के साथ-साथ अंडरग्राउंड फैसिलिटी में  एटॉमिक फिजन की कोशिश करने के ठोस सबूत थे. यही वजह है कि आईडीएफ ने कहा कि ईरान के पास इतना यूरेनियम है कि वह कुछ ही दिनों में 15 परमाणु हथियार बना सकता है.

मोसाद ने किया सफाई से काम 
मोसाद ने अपना काम इतनी सफाई से किया और ईरान के गुप्त परमाणु और सैन्य ठिकाने की समय रहते जानकारी अपनी सेना तक पहुंचाई. यरुशलम टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आईडीएफ ने भी कहा कि इजरायल के पास ऑपरेशन "राइजिंग लायन" के तहत हवाई हमले करने के अलावा "कोई विकल्प नहीं बचा है. क्योंकि हमें खुफिया एजेंसी से जो जानकारी मिली है, उससे ये संकेत मिलता है कि ईरानी शासन उस बिंदु पर पहुंच रहा है जहां से वापसी संभव नहीं है.  

राइजिंग लॉयन के पीछे मोसाद का होमवर्क
मोसाद ने ही इजरायली सेना को ईरान के परमाणु साइट और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के अड्डे की जानकारी दी थी. इसके बाद ही राइजिंग लॉयन ऑपरेशन के तहत आईडीएफ ने ऐसा सटीक हमला किया कि सिर्फ टारगेट को ही नुकसान पहुंचा है. मोसाद से मिली जानकारी के बाद ही आईडीएफ ने अपने लक्ष्य निर्धारित किए थे. इस बारे में इजरायल की सेना ने भी बताया कि उन्होंने सिर्फ ईरानी कमांडर, बेस और परमाणु स्थल को टारगेट बनाया था. हालांकि, मुख्य लक्ष्य परमाणु स्थल ही हैं.

मोसाद की सूचना पर ही आईडीएफ ने किया सटीक हमला
मोसाद की मदद से ही आईडीएफ ने ईरान पर हमले से उस पर साइबर अटैक किया और उनके एयर डिफेंस सिस्टम को जाम कर दिया. इसके बाद सुबह ऑपरेशन राइजिंग लायन के एक-एक कर इजरायल ने ईरान के परमाणु साइट और अलग-अलग जगहों पर सैन्य महत्व के बिल्डिंग्स को निशाना बनाया. इन हमलों में नतांज का परमाणु साइट तबाह हो गया. रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर हुसैन सलामी और आईआरजीसी के मेजर जनरल गुलाम अली रशीद भी मारे गए. इसके अलावा परमाणु वैज्ञानिक डॉ. फेरेयदून अब्बासी, शाहिद बेहेश्टी विश्वविद्यालय के परमाणु इंजीनियरिंग संकाय के डीन और संकाय सदस्य डॉ. अब्दुलहामिद मिनौचेहर और प्रोफेसर अहमदरेज़ा ज़ोल्फ़ागरी की भी हमले में मौत हो गई. साथ ही सईद अमीरहुसैन फ़ेक़ी, मोतलाबिज़ादेह और मोहम्मद मेहदी तेहरांची जैसे परमाणु वैज्ञानिकों की भी मौत की बात कही जा रही है. 

जब मोसाद ने उड़ाए ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े दस्तावेज
इस हमले से पहले भी मोसाद ने ईरान को अपने कारनामें से हैरान किया है. कुछ साल पहले जब मोसाद के एजेंट्स ने ईरान में घुसकर अतिसुरक्षित ठिकानों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े 50 हजार पन्नों की रिपोर्ट चुरा ली थी. बताया जाता है कि इस काम को अंजाम देने के लिए मोसाद एजेंट एक साल से उस जगह पर नजर बनाए हुए थे और जब सही समय आया तो 6 घंटे में एक खास ऑपरेशन चलाकर महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट और न्यूक्लीयर अर्काइव उड़ा ले गए. 

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