संसद के मॉनसून सत्र से पहले करीब डेढ़ घंटे चली सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया से बात की और बताया कि बैठक में किन मुद्दों पर बात हुई. उन्होंने बताया कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन यह चर्चा संसद के नियमों के तहत ही होगी. उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी बहस से पीछे नहीं हटेगी. संसद का मॉनसून सत्र सोमवार, 21 जुलाई से शुरू हो रहा है.
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि बैठक में सरकार ने सभी राजनीतिक दलों की बातें सुनीं. विपक्ष की मांग थी पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा के वक्त पीएम मोदी भी सदन में मौजूद रहें. इस पर रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में मौजूद रहते हैं, भले ही वे सीधे बहस में हिस्सा न लें, लेकिन वे हमेशा संसद परिसर में मौजूद रहते हैं.
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सत्र में रखे जाएंगे 17 बिल- किरेन रिजिजू
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने बताया कि सरकार ने अब तक 17 बिल तैयार किए हैं, जो मॉनसून सत्र में संसद के पटल पर रखे जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष की तरफ से उठाए गए सवालों के जवाब सरकार सदन में बहस के दौरान देगी. उन्होंने कहा कि सरकार संसद में बहस के दौरान विपक्ष के सभी सवालों का जवाब देगी. मीडिया के सवालों पर उन्होंने कहा, "हम यहां बाहर हर बात का जवाब नहीं दे सकते."
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'संसद सुचारू रूप से चले, यह सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है. कई छोटी पार्टियों को संसद में बोलने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता... हम इस पर भी गौर करेंगे.'
सदन में चर्चा के लिए विपक्ष की मांगें और मुद्दे
- विपक्ष ने इस सत्र में जिन अहम मुद्दों पर चर्चा की मांग की है, उनमें प्रमुख हैं:
- पहलगाम और वहां के उपराज्यपाल द्वारा दिए गए बयानों को लेकर विपक्ष ने सदन में चर्चा की मांग की है.
- अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा भारत-पाकिस्तान को लेकर दिए गए ताजा बयान को लेकर भी विपक्ष की मांग है कि सदन में चर्चा हो.
- बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन चल रहा है और इस बीच विपक्ष ने सदन में वोट देने के अधिकार को लेकर भी चर्चा की मांग की है.
- विपक्षी दलों ने मीटिंग के दौरान चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ सीमा पर बनाए गए टू-फ्रंट एक्सिस पर भी चर्चा की मांग रखी है.
- उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर के हालात पर भी विपक्ष की मांग है कि इस मुद्दे पर सदन में चर्चा हो.
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जस्टिस वर्मा के खिलाफ सरकार लाएगी महाभियोग प्रस्ताव
जब केंद्रीय मंत्री रिजिजू से जस्टिस वर्मा के महाभियोग को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि यह फैसला सिर्फ सरकार नहीं कर सकती. इसमें सभी राजनीतिक दलों की भूमिका जरूरी है. जस्टिस वर्मा के घर से भारी मात्रा में कैश मिले थे, जिनमें भारी मात्रा में नोट जले हुए पाए गए थे. इसको लेकर विपक्ष लगातार महाभियोग की मांग करता रहा है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार जस्टिस वर्मा के खिलाफ सदन में महाभियोग लाएगी. इसको लेकर 100 से ज्यादा सांसदों की सहमति आई है. उन्होंने साइन किए हैं. उन्होंने कहा कि महाभियोग का टाइमलाइन फिलहाल नहीं बताया जा सकता, लेकिन सरकार जस्टिस वर्मा के खिलाफ सदन में महाभियोग प्रस्ताव पेश करेगी.
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