कश्मीरी पंडित दिवाली को पूरे श्रद्धा और पारंपरिक तरीके से मनाते हैं. इस पर्व का सबसे प्रमुख स्थल अनंतनाग ज़िले का मट्टन सूर्य मंदिर है, जो भगवान सूर्य को समर्पित है. यह प्राचीन और पवित्र स्थान कश्मीरी हिंदुओं के लिए आस्था का केंद्र है, जहां धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-अर्चना की जाती है.
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मट्टन सूर्य मंदिर में कश्मीरी पंडितों ने मनाई दिवाली (Photo: Screengrab)
कश्मीर में कश्मीरी पंडित दिवाली का त्योहार पूरे उत्साह और परंपरा के साथ मनाते हैं. उनके लिए यह सिर्फ रोशनी का त्योहार नहीं, बल्कि अपनी आस्था और संस्कृति से जुड़ने का अवसर होता है. दिवाली के अवसर पर सबसे प्रमुख स्थानों में से एक है अनंतनाग जिले का मट्टन सूर्य मंदिर.
मट्टन का सूर्य मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित एक प्राचीन और पवित्र स्थल है. यह मंदिर कश्मीरी हिंदुओं, खासकर कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए अत्यंत धार्मिक महत्व रखता है. हर साल दिवाली के मौके पर यहां विशेष पूजा, आरती और दीपदान किया जाता है. भक्त इस दिन मंदिर परिसर में दीये जलाकर भगवान सूर्य की आराधना करते हैं.
मट्टन सूर्य मंदिर में कश्मीरी पंडितों ने मनाई दिवाली
यह मंदिर पवित्र झरनों के पास स्थित है, जिनका संबंध धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है. इन झरनों का पानी पवित्र माना जाता है और भक्त स्नान कर पूजा करते हैं. मट्टन सूर्य मंदिर सदियों से कश्मीरी हिंदुओं के लिए धार्मिक तीर्थस्थल रहा है, जहां नित्य पूजा और विशेष पर्वों के अवसर पर धार्मिक आयोजन होते हैं.
कश्मीरी हिंदुओं के लिए धार्मिक तीर्थस्थल है मट्टन सूर्य मंदिर
कश्मीरी पंडित परिवार इस दिन अपने घरों में भी दीप जलाते हैं और पारंपरिक मिठाइयां बनाते हैं. उनके लिए दिवाली न केवल प्रकाश और समृद्धि का प्रतीक है, बल्कि अपने मूल, परंपरा और विश्वास से जुड़ाव का प्रतीक भी है. इस तरह कश्मीर की घाटी में मट्टन सूर्य मंदिर दिवाली के मौके पर श्रद्धा और आस्था का केंद्र बन जाता है, जहां रोशनी और विश्वास एक साथ झिलमिलाते हैं.
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