हार्ट रोग एक्सपर्ट मिठाइयों में अक्सर नजरअंदाज किए जाने वाले एक घटक के बारे में चेतावनी देते हैं जिसका अधिक मात्रा में सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत हो सकती है. आमतौर पर कुकीज, ब्रेड और बटर और कारमेल जैसी डिशेज पर डेकोरेशन के लिए उपयोग किए जाने वाले मोटे समुद्री नमक में किराने की दुकान में मिलने वाले नमक की अपेक्षा अधिक सोडियम होता है. लोग मिठाइयों में नमकीन और मीठे का अतिरिक्त कुरकुरेपन का मजा लेते हुए अनजाने में बहुत अधिक नमक खा लेते हैं.
दरअसल, मोटे नमक के क्रिस्टल बड़े होते हैं इसलिए इसका स्वाद कम आता है और इसके कारण ही लोग बारीक नमक की तुलना में इस नमक का अधिक प्रयोग कर लेते हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक, अत्यधिक सोडियम का सेवन हाई ब्लडप्रेशर, हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी की समस्याओं से जुड़ा हुआ है.
हालांकि शरीर को ठीक से काम करने के लिए सोडियम की थोड़ी मात्रा की आवश्यकता होती है लेकिन इसे अधिक मात्रा में लेने से बचना चाहिए. सोडियम एक आवश्यक इलेक्ट्रोलाइट है जो शरीर में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाता है जिसमें लिक्विड बैलेंस और ब्लडप्रेशर को बनाए रखना, तंत्रिका कार्य का समर्थन करना और मसल्स को सिकुड़ने से बचाना शामिल है.
हालांकि, अधिकांश भारतीय बहुत अधिक सोडियम का सेवन करते हैं. औसतन प्रतिदिन 5 ग्राम की सीमा तय की गई है लेकिन वे 8-11 ग्राम प्रतिदिन लेते हैं. लोगों का मानना है कि मोटे समुद्री नमक में मानक बारीक नमक की तुलना में कम सोडियम होता है, जबकि दोनों में लगभग 40 प्रतिशत सोडियम होता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह भी अनुमान है कि हर साल दुनिया भर में 1.9 मिलियन मौतें अधिक नमक खाने के कारण होती हैं. क्योंकि सोडियम के कारण शरीर में लिक्विड पदार्थ जमा हो जाते हैं इसलिए खून की मात्रा और धमनी की दीवारों पर दबाव बढ़ जाता है.
अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में हृदय रोग विशेषज्ञ और हार्ट हेल्थ के को-प्रेसिडेंट डॉ. ब्रेंट इगन का कहना है, 'यदि किसी को हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिसीज या इस प्रकार की कोई बीमारी है तो उसे 1.5 ग्राम से अधिक नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. बहुत अधिक सोडियम भी पेट फूलने का कारण बनता है, पेट में सूजन और जकड़न जैसी असहज अनुभूति होती है. इससे हाथ, पैर और टखने जैसे शरीर के अंगों में सूजन आने की संभावना रहती है और डिहाइड्रेशन के कारण प्यास लगने की भावना हावी हो जाती है.'
'सोने से पहले बहुत ज़्यादा नमक खाने से बेचैनी होती है. रिसर्चों से पता चलता है कि अधिक नमक वाली डाइट कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) के लेवल को बदल सकती है जो नींद-जागने के चक्र को नियंत्रित करता है.'
'वांडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स द्वारा हाल ही में की गई एक रिसर्च में पाया गया कि प्रतिदिन सिर्फ 1 चम्मच नमक का कम सेवन करना ब्लडप्रेशर की दवाई के समान है. उन्होंने सैकड़ों रोगियों पर अधिक और कम नमक वाली डाइट की टेस्टिंग की जिनमें से कुछ हाई ब्लडप्रेशर से पीड़ित थे और पाया गया कि उन्होंने जैसे ही रोजाना एक कैन हेंज सूप का सेवन बंद किया तो एक हफ्ते के अंदर उनका ब्लड प्रेशर 6 प्रतिशत तक कम हो गया था.
डॉ. इगन ने कहा, 'स्पष्ट रूप से हमें कुछ सोडियम की आवश्यकता है क्योंकि यह शरीर के लिए काफी जरूरी है लेकिन खाने के ऊपर से नमक डालना भी शरीर में इसकी मात्रा को बढ़ा देता है.'