देशभर के अलग-अलग इलाके मौसमी तबाही से जूझ रहे हैं. पहाड़ हों या मैदान, जगह-जगह सड़कें टूट गई हैं, पुल बह रहे हैं. पानी भरा हुआ है. पहाड़ भरभराकर गिर रहे हैं और सड़कों पर आ रहे पत्थर कहर बरपा रहे हैं. देश की राजधानी दिल्ली बाढ़ की चपेट में आ गई है. कुल मिलाकर पहाड़ों पर बरस रही तबाही मैदानी इलाकों को चपेट में ले रही है.
दिल्ली-NCR में पिछले दो दिनों से मॉनसून की मार जारी है. लगातार हो रही बारिश से कई इलाकों में जलभराव है और लोगों को जाम का सामना करना पड़ा रहा है. मौसम विभाग ने आज दिल्ली-NCR में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. ऐसे हालात में नोएडा-गाजियाबाद में भी सभी स्कूलों को बंद रखने और ऑनलाइन क्लास देने का आदेश जारी किया गया है.
वहीं गुरुग्राम में अभी तक इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. दिल्ली और आसपास के इलाकों में पिछले दो दिनों से भारी बारिश हो रही है जिसके चलते यहां पर जन-जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. मौसम विभाग के मुताबिक, पांच सितंबर तक नोएडा-गाजियाबाद में रुक-रुककर बारिश होती रहेगी.
दूसरी तरफ दिल्ली बाढ़ के मुहाने पर खड़ी है. यमुना नदी ने खतरे को निशान को पार कर दिया है. लगातार यमुना नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है, जिसको लेकर निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया.
दिल्ली में भारी बारिश और यमुना का जलस्तर बढ़ने से खतरा बढ़ गया है. दिल्ली के यमुना पार इलाके के कुछ हिस्सों में पानी घरों में घुसने लगा है. हालात को देखते हुए दिल्ली के पुराने लोहे के पुल को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है. यमुना का जलस्तर 206.78 मीटर पर पहुंच चुका है जबकि सरकार का अनुमान था कि जलस्तर 206.50 मीटर तक पहुंचेगा लेकिन जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.
पंजाब में भी बाढ़ से तबाही है. बाढ़ ने 1400 गांवों को चपेट में ले लिया है. जिससे अब तक 30 लोगों की मौत हो गई है. राज्य में बाढ़ से 3,54,626 लोग प्रभावित हैं. पंजाब की नदियों सतलज, ब्यास, रावी, और घग्गर उफान पर हैं, ये नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिससे पंजाब में हाहाकार मचा हुआ है. हालात बहुत ज्यादा खराब है, आपदा प्रबंधन से जुड़े लोग युद्धस्तर पर लगे हुए हैं. प्रभावित लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने के प्रयास जारी हैं.
पहाड़ी राज्य बुरी तरह कराह रहे हैं. चाहे कश्मीर हो या हिमाचल और उत्तराखंड सबका हाल करीब-करीब एक जैसा है क्योंकि पहाड़ों पर मॉनसून की मार जारी है. लगातार हो रही बारिश के चलते बाढ़ और लैंडस्लाइड से बुरा हाल है. सड़कें टूट गई हैं, पुल बह गए हैं और हाइवे पर पत्थर आ जाने से यातायात भी प्रभावित है.
मौसम विभाग ने पहाड़ी राज्यों के लिए बाढ़ का अलर्ट जारी किया है. उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अगले कुछ घंटों में भारी बारिश होगी. बारिश के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है. आज (3 सिंतबर) भी खराब मौसम की स्थिति को देखते हुए कश्मीर संभाग के स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे. भारी बारिश के चलते दक्षिण कश्मीर में बाढ़ का अलर्ट है.
पहलगाम में शेषनाग नाला, लिद्दर नाला खतरे के निशान को पार कर गया है, विशो नाला बाढ़ के स्तर से ऊपर बह रहा है, अरु नाला भी बाढ़ के स्तर को पार करने वाला है. जम्मू और कश्मीर में 1901 के बाद से छठा सबसे ज्यादा बारिश वाला अगस्त महीना रहा है, जिसमें केंद्र शासित प्रदेश में 319.3 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि सामान्य बारिश 184.9 मिमी होती है, जो 73% अधिक है.
उत्तराखंड के अल्मोडा, बागेश्वर, चमोली, देहरादून, पौडी, पिथौरागढ, रुद्रप्रयाग, टेहरी, उत्तरकाशी में अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, हिमाचल प्रदेश के चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहुल-स्पीति, मंडी, शिमला, सिरमौर में चेतावनी दी गई है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अनंतनाग, डोडा, कठुआ, किस्तवार, कुलगाम, पंच, रामबन, रियासी, उधमपुर में बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है. मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए स्कूलों को बंद कर दिया गया है. रेसक्यू टीमों को स्टैंड बाय भी रख दिया गया है.
हिमाचल प्रदेश में कई इलाकों में लगातार हो रही बारिश के चलते बाढ़ और लैंडस्लाइड से बुरा हाल है. सड़के टूट गई हैं, पुल बह गए हैं और हाइवे पर पत्थर आ जाने से यातायात भी प्रभावित है. मंडी के सुंदरनगर में हुई भीषण लैंडस्लाइड में मृतकों का आंकड़ा 6 पहुंच गया है. तीन लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं और अभी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. दो लोगों के शव घर के नीचे छत काटकर निकाले गए. इसके अलावा एक शख्स का शव मलबे के नीचे से, जो स्कूटर सहित दबा हुआ था.
कुल्लू के इनर अखाड़ा बाजार में भी भूस्खलन में दो लोग मलबे में दबे हैं. देर रात इनर कुल्लू के अखाड़ा बाजार क्षेत्र में भूस्खलन की बड़ी घटना हुई. एक मकान पर गिरी पहाड़ी के मलबे में दो लोग दब गए हैं। घटना की सूचना मिलते ही NDRF, पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गईं और राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया.
पिछले 24 घंटों में उत्तराखंड के नैनीताल में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है. नैनीताल के कई क्षेत्रों में 100 एमएम से अधिक बारिश हुई. इसके साथ ही पिथौरागढ़ के गंगोलीघट, देहरादून के मसूरी में भी 90 एमएम के पास बारिश दर्ज हुई. उत्त्तराखंड के कई जिलों के लिए आज ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है. देहरादून, उत्तरकाशी, चम्पावत, बागेश्वर, नैनीताल, उधम सिंह नगर के ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है. बाकी के जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी हुआ है. उत्तराखंड में 5 सितम्बर तक चारधाम यात्रा भी स्थगित है. वहीं, बागेश्वर, उत्तरकाशी, उधम सिंह नगर, चम्पावत, टिहरी में आज स्कूलों की छुट्टी की गई है.
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