अफगानिस्तान की नेशनल डिफेंस मिनिस्ट्री ने पाकिस्तान के साथ हाल ही में किए गए सीज़फायर समझौते को लेकर आधिकारिक स्पष्टिकरण जारी किया है. मंत्रालय ने कहा कि समझौते में केवल वही प्रावधान हैं, जो इस्लामिक अमीरात के रक्षा मंत्री मौलवी मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताए हैं.
मंत्रालय ने एक एक्स पोस्ट में कहा, "इस्लामिक अमीरात के रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान के साथ समझौते की पूरी व्याख्या प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी; इसके अलावा कोई और जानकारी नहीं है."
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समझौते में दोनों देशों के बीच शांति और संयम बनाए रखने, एक-दूसरे की सुरक्षा बलों, नागरिकों और सुविधाओं पर हमलों से परहेज करने, सभी मामलों को संवाद के माध्यम से हल करने और किसी भी हमले की सुविधा नहीं देने पर जोर दिया गया है. मंत्रालय ने कहा, "इन शर्तों से बाहर कोई भी बयान अवैध है."
पाकिस्तान के मंत्री गोपनीयता का किया था दावा
यह स्पष्टिकरण पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद असिफ के उस दावे के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सीजफायर के विवरण "गोपनीय" हैं. अफगान पक्ष ने सार्वजनिक रूप से इसे खारिज कर दिया. ख्वाजा आसिफ ने यह बात तब कही जब उन्होंने कतर पर अफगानिस्तान के तुष्टिकरण के आरोप लगाए.
पाकिस्तान-अफगानिस्तान में सीजफायर पर बनी सहमति
अफगान प्रवक्ता ने कहा कि कतर में दोनों पक्षों के बीच व्यापक सीजफायर पर सहमति बनी है, जिसमें कतर और तुर्की ने मध्यस्थ भूमिका निभाई. दोनों पक्ष शांति, आपसी सम्मान और मजबूत पड़ोसी संबंध बनाए रखने के प्रति प्रतिबद्ध हैं और सभी विवादों को संवाद के जरिए हल करने के लिए सहमत हैं.
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समझौते के तहत पाकिस्तान और अफगानिस्तान किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करेंगे और न ही ऐसे समूहों का समर्थन करेंगे जो पाकिस्तानी सरकार पर हमला करें. दोनों देशों ने एक-दूसरे की सुरक्षा बलों, नागरिकों या महत्वपूर्ण अवसंरचना को लक्षित करने से भी परहेज करने का वचन दिया.
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