दिल्ली में बाढ़! यमुना नदी का पानी किन कॉलोनियों में घुसा है, लोग कैसे रह रहे, ग्राउंड पर क्या हालात हैं? तस्वीरों में देखें

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दिल्ली में बाढ़ का संकट गहरा गया है. यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और अब ये 206.78 मीटर तक पहुंच गया है जो खतरनाक स्तर (205.33 मीटर) से काफी ऊपर है. भारी बारिश और हथिनीकुंड व वजीराबाद बैराज से छोड़े गए पानी ने दिल्ली के निचले इलाकों में तबाही मचा दी है. झरोड़ा कलां, मयूर विहार और यमुना बाजार जैसे क्षेत्रों में स्थित घरों में पानी घुस गया है, लोग पानी में फंस गए हैं. ग्राउंड पर हालात भयावह हैं- सड़कें नदियों में तब्दील हो गई हैं, लोग अपने सामान बचाने की जद्दोजहद में हैं और बचाव टीमें फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए जूझ रही हैं.

एक अधिकारी ने बताया कि सुबह 5 बजे ओल्ड रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर 206.74 दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि हथिनी कुंड बैराज से 1,70,728 क्यूसेक, वजीराबाद बैराज से 1,25,485 क्यूसेक और ओखला बैराज से 1,65,145 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. ये पानी का प्रवाह पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश और ऊपरी क्षेत्रों से आने वाले जल के कारण और तेज हो गया है. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगले 24-48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि जलस्तर में और बढ़ने की संभावनाएं हैं.

'हो सकती है जलस्तर में बढ़ोतरी'

इसी बीच सेंट्रल फ्लड कंट्रोल रूम के एक अधिकारी ने बताया, 'जलस्तर बढ़ने का मुख्य कारण वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जाना है. पूर्वानुमान के अनुसार जलस्तर में और वृद्धि हो सकती है.'

उन्होंने बताया कि रात 9 बजे नदी में हथिनीकुंड बैराज से 176,000 क्यूसेक और वजीराबाद बैराज से 93,260 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. आमतौर पर इन बैराजों से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में लगभग 48 से 50 घंटे लगते हैं.

इन इलाकों में घुसा पानी

यमुना का बढ़ता जलस्तर कई कॉलोनियों में तबाही मचा रहा है. ट्रांस-यमुना क्षेत्र, खासकर मयूर विहार फेज-1, यमुना बाजार और नजफगढ़ क्षेत्र के झरोड़ा कलां गांव में पानी घुस गया है. उधर झरोड़ा कलां में मंगलवार की भारी बारिश के बाद 10 से अधिक लोगों को घुटनों तक पानी में फंसा गए. सूचना मिलने के बाद दिल्ली पुलिस और अन्य बचाव दलों की टीमों ने पानी में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला और नजदीकी सरकारी स्कूल में बनाए राहत शिविर में शरण दी गई. इस घटना के बाद अधिकारी इलाके का तलाशी अभियान शुरू कर दिया है, ताकि कोई भी व्यक्ति फंसा ना रह जाए.

#WATCH | Delhi | Visuals from Loha Pul, where the Yamuna River is flowing above the danger level following incessant rainfall.

Anticipating the possible flood situation, people residing in the low-lying areas have been shifted to safer locations as a preventive measure. pic.twitter.com/ttCpetF3RC

— ANI (@ANI) September 3, 2025

नाव से लोगों का रेस्क्यू

दिल्ली के निचले इलाकों में पानी घुसने के साथ ही दिल्ली सरकार और प्रशासन ने बचाव अभियान तेज कर दिया है. यमुना के आसपास और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को नावों के जरिए राहत शिविरों और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है, जहां लोगों को खाना, पानी और मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्थिति पर 24 घंटे नजर रखने की बात कही है और डी-सिल्टिंग के कारण पानी के रुकने से बचा जा रहा है. हालांकि, लोग चिंतित हैं और कई क्षेत्रों में घरों में पानी घुसने से नुकसान की भी खबरें सामने आ रही हैं.

#WATCH | Delhi | People residing in the low-lying areas have been shifted to relief camps set up near Mayur Vihar Phase-1 as the Yamuna River swells and crosses the danger level, following incessant rains. pic.twitter.com/aNMW6H44cr

— ANI (@ANI) September 3, 2025

इसके अलावा प्रशासन ने मयूर विहार जैसे निचले इलाकों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां प्रभावित परिवारों को  शरण दी जा रही है. लोहा पुल और पुराने रेलवे ब्रिज (ORB) क्षेत्र में ड्रोन से ली गई तस्वीरें दिखाती हैं कि यमुना नदी उफान पर है, जिसके कारण यातायात और जनजीवन प्रभावित हुआ है.

मंगलवार को 206.22 मीटर था जलस्तर

केंद्रीय जल आयोग (CWC) की रिपोर्ट के अनुसार, 2 सितंबर 2025 को शाम 7:00 बजे तक जलस्तर 206.22 मीटर था जो 3 सितंबर की सुबह 5:00 बजे तक 206.74 मीटर हो गया है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और गहरा गया है.

वहीं, बढ़ते जलस्तर और बाढ़ ने एक बार फिर दिल्ली की बाढ़ प्रबंधन व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यमुना के बाढ़ मैदानों पर अतिक्रमण और जल निकासी सिस्टम की अव्यवस्था इस संकट को और बढ़ाती जा रही है. आने वाले दिनों में और बारिश की संभावना से स्थिति और गंभीर हो सकती है. प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और निचले इलाकों को छोड़ने की अपील की है.

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