पाकिस्तान के पूर्व सैन्य अधिकारी और व्हिसलब्लोअर मेजर (रिटायर्ड) आदिल राजा ने आज तक को दिए एक विस्फोटक इंटरव्यू में पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर उनकी आवाज दबाने के लिए ब्रिटेन के मानहानि कानूनों को हथियार बनाने का आरोप लगाया है. राजा अब लंदन में निर्वासन में रह रहे हैं.
उनके खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे में 21 जुलाई से सुनवाई शुरू हो रही है. उनका कहना है कि यह मुकदमा उनकी पत्रकारिता को कमजोर करने और पाकिस्तान की आलोचना करने पर उन्हें डराने के लिए दायर किया गया है. इस मुकदमे में राजा का मुकाबला पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी ब्रिगेडियर राशिद नासिर से है, जिन्होंने राजा द्वारा सार्वजनिक रूप से उन पर राजनीतिक और न्यायिक हेरफेर का आरोप लगाने के बाद मानहानि का दावा किया है.
ISI ने आदिल राजा पर करवाए झूठे मुकदमे
वहीं राजा का कहना है कि उनके आरोप साक्ष्यों द्वारा समर्थित हैं और पाकिस्तान में इसके बारे में लोगों को जानकारी है. राजा 2023 में 9 महीने की जांच के बाद ब्रिटेन के अधिकारियों द्वारा आतंकवाद के आरोपों से मुक्त हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि यह सिविल मुकदमा आईएसआई की नई रणनीति है, जिसे वह 'लॉफेयर' कहते हैं. राजा के मुताबिक आईएसआई विदेशी कानून का उपयोग असहमति को दबाने के लिए कर रहा है.
यह भी पढ़ें: अब भी 'सिंदूर' के वार से तड़प रहा पाकिस्तान, दो महीने बाद भी बंद पड़ा है रहीम यार खान एयरबेस
पूर्व सैन्य अधिकारी ने पाकिस्तान में अपने परिवार के खिलाफ हुए चौंकाने वाले बदले की कार्रवाइयों का जिक्र किया, जिसमें उनकी मां की कथित नजरबंदी और पासपोर्ट रद्द करना, तथा ब्रिटेन में एक प्रमुख गवाह शहजाद अकबर पर एसिड अटैक शामिल है. राजा ने चेतावनी दी है कि फैसला उनके खिलाफ आने से एक खतरनाक वैश्विक मिसाल कायम हो सकती है, जिससे पाकिस्तान के अधिकारवादी शासन को विदेशी अदालतों के माध्यम से निर्वासित पत्रकारों को चुप कराने का साहस मिल जाएगा.
सभी आरोपों से बरी होने पर भी कोर्ट मार्शल
उन्होंने कहा, 'यह सिर्फ मेरी लड़ाई नहीं है, यह प्रेस की स्वतंत्रता के बारे में है.' आदिल राजा ने कहा, 'मुझे 2023 में ब्रिटेन की आतंकवाद-रोधी पुलिस ने कुछ घंटों के लिए गिरफ्तार किया था. पाकिस्तानी मीडिया ने इसकी रिपोर्टिंग की. पाकिस्तानी सरकार ने ही मुझे आतंकवाद-रोधी कानूनों के तहत गिरफ्तार करवाया था, यह कहते हुए कि मेरी पत्रकारिता पाकिस्तान में हिंसा भड़का रही है. लेकिन ब्रिटेन की आतंकवाद-रोधी पुलिस ने नौ महीने तक जांच की और मुझे सभी आरोपों से बरी कर दिया. लेकिन इससे मेरी पिछली संस्था (पाकिस्तानी सेना) को कोई रोक नहीं सका, जहां मैंने तीसरी पीढ़ी के अधिकारी के रूप में काम किया था, उन्होंने 2020 में मुझे कोर्ट मार्शल करने का फैसला किया.'
यह भी पढ़ें: 'अमेरिका को भड़का रहा भारत...', TRF को आतंकी संगठन घोषित करने पर बौखलाया पाकिस्तान
राजा ने अपने परिवार के खिलाफ बदले की कार्रवाइयों का जिक्र करते हुए कहा, 'मेरी मां पाकिस्तान में रहती हैं, जिनका अपहरण कर लिया गया था और उन्हें बंधक बनाकर रखा गया है. इसलिए मैं उनसे मिलने नहीं जाता. वह नजरबंद हैं. उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है. एक बार उन्हें हवाई अड्डे जाते समय मेरे चाचा के साथ अगवा कर लिया गया था, जिनका निधन हो चुका है. वह एक सेवानिवृत्त कर्नल थे. अब उन्हें बाहर जाने की अनुमति नहीं है. मेरे पूरे परिवार के पासपोर्ट ब्लॉक कर दिए गए हैं. उनकी राष्ट्रीयता भी रद्द कर दी गई है. सिर्फ इसलिए क्योंकि मैं सच और पाकिस्तान के लोगों के लिए आवाज उठा रहा हूं.'
असीम मुनीर के टारगेट पर हैं आदिल राजा
आदिल राजा ने इन सबके लिए पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक भी सीधे तौर पर इसमें शामिल हैं. उन्हें पता है कि उनके मौके कम हैं, इसलिए वे इसे कमजोर रखते हैं और कवरेज को दबाते हैं. पाकिस्तान में अंग्रेजी मीडिया सरकारी विज्ञापनों पर निर्भर है, इसलिए वे सिर्फ वही छापते हैं जो सत्ता प्रतिष्ठान चाहता है. पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान, सेना प्रमुख असीम मुनीर, आईएसआई के महानिदेशक असीम मलिक, मेजर जनरल फैसल नासिर, ब्रिगेडियर राशिद नासिर, ये लोग मेरे पीछे हैं. इनसे मेरी जान को खतरा है. ये वही लोग जो मेरे गवाहों को धमका रहे हैं.
आदिल राजा कहते हैं कि वे मुझ तक नहीं पहुंच पाए, इसका एकमात्र कारण यह है कि मैं सतर्क और प्रशिक्षित हूं और ब्रिटिश पुलिस मेरी सुरक्षा कर रही है. लेकिन यह लड़ाई बहुत बड़ी है. मेरा देश ही मेरी जिंदगी है. मैं इसके लिए लड़ूंगा. शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है- शांति ही उपनिवेशवाद से आजाद हुए दक्षिण एशिया को पहले की तरह फिर से सबसे समृद्ध क्षेत्र बना सकती है.
---- समाप्त ----