मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) ने बड़ा एक्शन लेते हुए IIFL सिक्योरिटी से लंबे समय से जुड़े संजीव भसीन और उनके कई सहयोगियों को इक्विटी मार्केट में बैन कर दिया है. इसके बाद ये लोग डायरेक्ट या इनडायरेक्ट शेयर खरीदारी करने या उन्हें बेच नहीं सकते. SEBI ने 'पंप एंड डंप' के खेल के जरिए शेयर बाजार निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में ये कड़ी कार्रवाई की है. आइए जानते हैं आखिर क्या है ये 'Pump & Dump' स्ट्रेटजी और कैसे करती है काम?
कौन हैं संजीव भसीन, SEBI ने क्या लिया एक्शन?
सबसे पहले विस्तार से बताते हैं संजीव भसीन कौन हैं और सेबी ने उनपर क्या एक्शन लिया है? तो Sanjeev Bhasin जाने माने स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट हैं और आईआईएफएल सिक्योरिटीज से जुड़े हुए हैं. वे इसमें चीफ स्ट्रेटिजिस्ट भी हैं और इनकी स्ट्रेटजी के चलते ही ये सेबी के शिकंजे में आए हैं. दरअसल, SEBI की जांच में सामने आया कि संजीव और उनके सहयोगी शेयर पर पंप एंड डंप योजना के जरिए गलत तरीके से कमाई कर रहे थे औऱ निवेशकों के साथ धोखाधड़ी कर रहे थे. इस मामले की जांच मार्केट रेग्युलेटर द्वारा जून 2024 में शुरू की गई थी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजीव भसीन ने एक प्राइवेट कंपनी को कुछ खास स्टॉक खरीदने के लिए कहा, जिससे इसकी कीमतों में इजाफा होने के साथ ही ट्रेडिंग वॉल्यूम पर असर पड़ा. इस तरीके से 11.37 करोड़ रुपये का अवैध लाभ इनके द्वारा कमाया गया. सेबी की ओर से सख्त एक्शन लेते हुए इस रकम की जब्ती भसीन और उनके सहयोगियों के खातों से की गई है, जबकि अंतरिम आदेश के मुताबिक मामले के सभी आरोपियों को इक्विटी मार्केट में खरीद-फरोख्त करने से पूरी तरह रोक दिया गया है. इसके साथ ही सभी म्यूचुअल फंड और सिक्योरिटीज रिडेम्प्शन पर रोक लगाने के साथ सेबी ने नोटिस पाने वालों को 15 दिनों के भीतर संपत्तियों की पूरी लिस्ट पेश करने को कहा है.
'पंप एंड डंप' स्ट्रेटजी ऐसे करती है काम
यहां ये जान लेना जरूरी है कि आखिर ये Pump & Dump योजना होती क्या है? तो बता दें कि ये शेयर मार्केट (Stock Market) में धोखाधड़ी को अंजाम देने की एक रणनीति है. जिसमें किसी शेयर को लेकर झूठी या भ्रामक जानकारी फैलाकर पहेल उसे पंप किया जाता है और जब उसकी कीमत बढ़ बढ़ जाती है, तो उसे डंप कर दिया जाता है. Stock Price बढ़ने पर इसे ऊंची कीमत में बेचकर ऐसे लोग बाहर निकल जाते हैं और आम निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ता है. खास बात ये है कि इस तरह के झूठे दावे ऐसे लोगों द्वारा किए जाते हैं, जिनका प्रभाव प्रबल होता है और निवेशक आसानी से उनकी बातों में आ जाते हैं.
आसान भाषा में समझें, तो इस स्ट्रेटजी को अपनाने वाले लोग पहले किसी शेयर में बड़ी हिस्सेदारी की खरीद कर लेते हैं और फिर इसमें तगड़ा मुनाफा होने से संबंधित झूठे दावे या जानकारियां तमाम माध्यमों से शेयर करते हुए निवेशकों तक पहुंचाते हैं. निवेशकों इनसे प्रोत्साहित होकर उस शेयर में निवेश करने लगते हैं. खरीदारी बढ़ने पर जब शेयर की कीमत में तेज उछाल आता है, तो फिर ऐसे समय में वो लोग अपनी हिस्सेदारी को बेच देते हैं और मोटा मुनाफा कमाकर निकल जाते हैं. वहीं दूसरी ओर अचानक बिकवाली के चलते स्टॉक प्राइस टूटता है, तो इसमें पैसे लगाने वाले आम निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ता है.
भसीन समेत 11 लोग सेबी के शिकंजे में
SEBI ने संजीव भसीन के साथ 11 अन्य के खिलाफ सख्त अंतरिम उपाय जारी किए हैं. उनके अकाउंट वाले बैंकों को भी मार्केट रेग्युलेटर की ओर से बिना परमिशन के डेबिट की अनुमति नहीं देने के लिए कहा गया है. अन्य आरोपियों में शामिल ललित भसीन और आशीष कपूर को भी मार्केट से बैन किया गया है. इसके अलावा, राजीव कपूर, जगत सिंह और प्रवीण गुप्ता को इस मामले में सूचना का दुरुपयोग करने वालों के रूप में नामित किया गया था.
(नोट- शेयर बाजार में किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.)