पीरियड्स में महिलाओं को पेट, कमर और पैर में दर्द होना आम बात है. लेकिन कई बार ये दर्द इतना ज्यादा होता है कि इसे बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है. हालांकि कुछ खाद्य पदार्थ ऐंठन से जुड़ी सूजन और मांसपेशियों के खिंचाव को कम करके पीरियड्स के दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं जिनमें चॉकलेट, खासतौर पर डार्क चॉकलेट शामिल है.
इसलिए अगली बार जब आपको पीरियड्स में डार्क चॉकलेट खाने की इच्छा हो तो इसे खाने में हिचकिचाहट ना करें क्योंकि इसे खाने से आपको कई फायदे हो सकते हैं. पोषण विशेषज्ञ दीपशिखा जैन ने एक वीडियो में ये जानकारी दी है.
पीरियड्स के दौरान डार्क चॉकलेट क्यों खानी चाहिए
हाल ही में को शेयर किए गए एक वीडियो में उन्होंने बताया, डार्क चॉकलेट में मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता है, जो पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन/मतली या बेचैनी को कम करने में मदद करता है. यह मूड अच्छा करने में भी मदद करता है जिससे मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम/पीएमएस ( पीरियड्स से पहले होने वाले मूड स्विंग, बार-बार कुछ खाने की लालसा, थकान, चिड़चिड़ापन और अवसाद के लक्षणों वाली दिक्कत) में यह काफी मददगार है.
1-डार्क चॉकलेट मैग्नीशियम का एक बहुत अच्छा स्रोत है जो मांसपेशियों के खिंचाव को कम करने में मदद करता है इसलिए पीरियड्स के दौरान ऐंठन भ कम महूसस होती है.
2. मैग्नीशियम आपके सेरोटोनिन के स्तर को भी बढ़ाता है जिससे आप बहुत खुश और शांत महसूस करते हैं.
3. इतना ही नहीं, बल्कि डार्क चॉकलेट एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है जो सूजन और पीरियड्स के दौरान होने वाली किसी भी तरह की परेशानी को कम करने में मदद करती है.
कितनी और कितने प्रतिशत डार्क चॉकलेट खानी चाहिए?
जब उनके फॉलोअर्स ने पूछा कि इन लाभों को पाने के लिए डार्क चॉकलेट बार में कोको सॉलिड्स का कितना प्रतिशत होना चाहिए तो दीपसिखा ने 70-80 प्रतिशत या उससे ज्यादा का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि डार्क चॉकलेट बार का कोई भी ब्रांड ठीक है, बशर्ते उसमें कोको सॉलिड्स का ऊपर बताए गए प्रतिशत के बराबर हो. उन्होंने कहा कि 2 से 3 पीस खाए जा सकते हैं.