पूर्वी प्रचंड प्रहार: मेचुका में तीनों सेनाओं का संयुक्त युद्धाभ्यास, भविष्य की लड़ाई की तैयारी

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मेचुका की दुर्गम पहाड़ियों में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना मिलकर 'पूर्वी प्रचंड प्रहार' नाम का संयुक्त सैन्य अभ्यास करेंगी, जिसमें तीनों सेनाएं भविष्य की लड़ाइयों के लिए संयुक्त ताकत, तकनीक और तालमेल का प्रदर्शन करेंगी. इस अभ्यास में स्पेशल फोर्सेज, ड्रोन, सटीक हथियार प्रणालियां और नेटवर्क आधारित कमांड सेंटर जैसे आधुनिक संसाधनों का इस्तेमाल होगा.

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इस अभ्यास का उद्देश्य जमीनी, हवाई और समुद्री अभियान में तालमेल बढ़ाना और नई रणनीतियों को परखना है. (File Photo: ITG)

भारतीय थल सेना, नौसेना और वायुसेना मेचुका की दुर्गम पहाड़ियों में एक साथ उतरेंगी. इस अभ्यास का नाम है 'पूर्वी प्रचंड प्रहार', जिसमें तीनों सेनाएं मिलकर भविष्य की लड़ाइयों के लिए अपनी संयुक्त ताकत, तकनीकी क्षमता और तालमेल का प्रदर्शन करेंगी.

यह अभ्यास भविष्य की सैन्य तैयारियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इसका उद्देश्य जमीनी, हवाई और समुद्री ऑपरेशनों में तालमेल को परखना, जानकारी साझा करने की क्षमता बढ़ाना और संयुक्त कमांड-कंट्रोल प्रणाली को मजबूत करना है, ताकि वास्तविक हालात में भी तीनों सेनाएं एक साथ बेहतर तरीके से काम कर सकें.

ऑपरेशन का सबसे अहम हिस्सा

इस अभ्यास का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होगा- स्पेशल फोर्सेज, ड्रोन और अन्य बिना पायलट वाले प्लेटफॉर्म, सटीक मार करने वाली हथियार प्रणालियों और नेटवर्क आधारित ऑपरेशन सेंटरों का एक साथ इस्तेमाल, वह भी कठिन पहाड़ी और ऊंचाई वाले इलाकों में. इसके साथ ही नई युद्ध रणनीतियों और प्रक्रियाओं को भी परखा जाएगा ताकि लड़ाई में तेजी और लचीलापन बढ़ाया जा सके.

तीनों सेनाओं के संयुक्त अभियान की दिशा में बड़ा कदम

यह अभ्यास भारत की तीनों सेनाओं के बीच बढ़ते संयुक्त अभियान की दिशा में एक और बड़ा कदम है. इससे पहले 'भाला प्रहार' (2023) और 'पूर्वी प्रहार' (2024) अभ्यास सफलतापूर्वक हो चुके हैं. 'पूर्वी प्रचंड प्रहार' यह दिखाता है कि भारत की सशस्त्र सेनाएं हर हाल में देश की सुरक्षा और संयुक्त सैन्य क्षमता को मजबूत रखने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

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