उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में रविवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई, जब एक भेड़िया ने घर के आंगन में सो रही 15 महीने की बच्ची को उठा ले गया. घटना कैसरगंज तहसील के कंदौली गांव की है. बच्ची का नाम शान्वी था. वह अपनी मां के पास आंगन में सो रही थी, तभी सुबह करीब 5 बजे भेड़िया उसे उठा ले गया.
खून और मांस के टुकड़े मिले, शव नहीं मिला
घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस टीम मौके पर पहुंची. जांच के दौरान इलाके में खून के धब्बे और मांस के कुछ टुकड़े मिले, लेकिन बच्ची का पूरा शव नहीं मिला. डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) राम सिंह यादव ने बताया कि मौके पर मिले पैरों के निशानों से यह स्पष्ट हुआ कि हमलावर भेड़िया ही था.
ड्रोन से की गई तलाश, मादा भेड़िया मारी गई
वन विभाग की टीमों ने खून के निशानों और पैरों के निशानों का पीछा करते हुए ड्रोन की मदद से भेड़िये को ट्रैक किया. दोपहर करीब 3:30 बजे प्रधान पुरवा गांव के पास मादा भेड़िया को घायल अवस्था में देखा गया, जिसे गोली मार दी गई. बाद में बभनन पुरवा गांव में उसकी मौत हो गई.
पोस्टमार्टम से होगा सच का खुलासा
DFO यादव ने बताया कि मृत मादा भेड़िया के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. शुरुआती जांच में यह वही भेड़िया लग रहा है जिसने बच्ची को उठाया था. फॉरेंसिक रिपोर्ट में अगर भेड़िये के जबड़ों में मानव मांस या खून के अंश मिलते हैं, तो इसकी पुष्टि हो जाएगी.
भेड़ियों का आतंक जारी
वन विभाग के अनुसार, पिछले कुछ महीनों से बहराइच के कैसरगंज और मिहसी तहसीलों में भेड़ियों का आतंक फैला हुआ है. 9 सितंबर से 15 अक्टूबर के बीच भेड़ियों के हमले में 6 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें चार बच्चे और एक वृद्ध दंपति शामिल हैं. वहीं, 29 लोग घायल हुए हैं.
योगी सरकार ने दिए थे गोली मारने के आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले महीने ही आदेश दिया था कि भेड़ियों को जिंदा पकड़ने की कोशिश की जाए, और अगर यह संभव न हो तो उन्हें मार गिराया जाए. इसके बाद वन विभाग ने अब तक तीन भेड़ियों को मारने की पुष्टि की है. सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि दी है.
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