बांग्लादेश ने भारतीय सीमा पर बंद किए तीन लैंड पोर्ट, व्यापार गतिविधियों में आई कमी के बाद फैसला

1 week ago 1

बांग्लादेश सरकार ने लंबे समय से निष्क्रिय तीन लैंड पोर्ट बंद करने का ऐलान कर दिया है. जिन लैंड पोर्ट को बंद करने का ऐलान हुआ है, उनमें नीलफामारी का चिलाहाटी, चुआडांगा का दौलतगंज और रंगमती का तेगामुख लैंड पोर्ट शामिल हैं. मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार ने ये तीनों लैंड पोर्ट बंद करने का फैसला सलाहकार परिषद की बैठक में लिया.

ये तीनों ही लैंड पोर्ट भारत के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा के समीप स्थित हैं. इन लैंड पोर्ट्स से कोई भी व्यापारिक गतिविधि नहीं हो रही. इस वजह से खर्च में कटौती करने के लिए यूनुस सरकार ने यह फैसला लिया है. यूनुस सरकार का ये फैसला भारत की ओर से बांग्लादेश को दी जाने वाली ट्रांस शिपमेंट सेवा को निरस्त करने के फैसले के कुछ महीने बाद आया है.

भारत ने मई जून में बांग्लादेश को दी जाने वाली ट्रांस शिपमेंट सेवा को निरस्त कर दिया था और व्यापार के लिए केवल कोलकाता और मुंबई पोर्ट का इस्तेमाल करने की बात कही थी. गौरतलब है कि नीलफामारी का चिलाहाटी लैंड पोर्ट पश्चिम बंगाल के हल्दीबाड़ी, चुआडांगा का  दौलतगंज लैंड पोर्ट पश्चिम बंगाल के ही मझदिया और रंगमती का तेगामुख लैंड पोर्ट मिजोरम के देमागरी से जुड़ा है.

यह भी पढ़ें: बॉर्डर पर अपराधों पर नकेल कसेंगे भारत-बांग्लादेश, संयुक्त गश्त और निगरानी बढ़ेगी

इन लैंड पोर्ट्स को बंद करने के साथ ही बांग्लादेश सरकार ने हबीगंज में बल्ला लैंड पोर्ट भी बंद कर दिया है. इस लैंड पोर्ट पर भारत की ओर से काम अभी पूरा नहीं हुआ था. यह लैंड पोर्ट त्रिपुरा के खोवाई के समीप है. गौरतलब है कि भारत की ओर से ट्रांस शिपमेंट सुविधा पर रोक लगाए जाने के बाद सड़क मार्ग से व्यापार में उल्लेखनीय कमी आई है.

यह भी पढ़ें: भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी की साज़िश नाकाम, कार के फ्यूल टैंक से मिली 27 किलो चांदी... तस्कर गिरफ्तार

सीमा शुल्क और अन्य समस्याओं के कारण जूट उत्पाद और गारमेंट्स का आयात करीब-करीब बंद ही हो गया है. बांग्लादेश सरकार की ओर से व्यापार गतिविधियों में आई कमी के कारण इन लैंड पोर्ट्स के संचालन की वजह से पड़ रहे वित्तीय दबाव का भी जिक्र किया है.

---- समाप्त ----

Live TV

Read Entire Article