यूपी के बाराबंकी में स्थित श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी (SRMU) चर्चा में है. पुलिस द्वारा यूनिवर्सिटी के छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के बाद विवाद बढ़ गया है. आरोप है कि इस यूनिवर्सिटी में LLB कोर्स की मान्यता रद्द होने के बाद भी एडमिशन लिया जा रहा था, जिसको लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन इसी दौरान पुलिस से उनकी झड़प हो गई और फिर जो कुछ हुआ उसने प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी. फिलहाल, अब इस पूरे मामले में यूनिवर्सिटी के कुलपति पंकज अग्रवाल का बयान सामने आया है.
'आजतक' से बातचीत में के कुलपति पंकज अग्रवाल ने विवाद पर अपनी बात रखी. उन्होंने बताया कि श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी को 2013 में मान्यता मिल चुकी थी और तब से लगातार बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) से एक्सटेंशन लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि BCI को अगले दो साल की फीस भी एडवांस में जमा कर दी गई है. कुलपति के मुताबिक, प्रदर्शन से पहले उन्हें कोई जानकारी नहीं थी और यह कुछ शरारती छात्रों की वजह से हुआ।
कुलपति ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान छात्रों और प्रबंधन के बीच करीब पांच घंटे तक बातचीत हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. इसके बाद छात्रों ने कॉलेज के गेट पर ताला लगा दिया. माहौल बिगड़ने पर पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा, जिससे स्थिति और बिगड़ गई. पंकज अग्रवाल ने पुलिस लाठीचार्ज पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह नहीं होना चाहिए था.
फिलहाल, इस पूरे मामले की जांच अयोध्या रेंज के मंडलायुक्त को सौंपी गई है. इसको लेकर कुलपति ने बताया कि जांच टीम यूनिवर्सिटी आई थी और उन्हें सभी जरूरी दस्तावेज दिखाए गए. अधिकारियों ने ऑनलाइन भी दस्तावेजों को वेरिफाई किया. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सभी जरूरी दस्तावेज छात्रों को पहले ही उपलब्ध करा चुका है.
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