मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बना ऐशबाग रेलवे ओवर ब्रिज (ROB) अपने उद्घाटन से पहले ही विवादों में घिर गया था, लेकिन अब 'आजतक' की खबर का असर दिखाई दे रहा है. इस ब्रिज के 90 डिग्री वाले खतरनाक मोड़ को लेकर उठे सवालों के बाद रेलवे ने डिजाइन में बदलाव के लिए अतिरिक्त जमीन देने की सहमति दे दी है.
'आजतक' ने इस ब्रिज की डिजाइन के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद PWD सूत्रों ने बताया कि रेलवे की ओर से जमीन उपलब्ध कराने पर ब्रिज की रेलिंग को तोड़कर 90 डिग्री वाले मोड़ को और घुमावदार बनाया जाएगा. इससे पुल की चौड़ाई तीन फीट तक बढ़ जाएगी, जिससे वाहनों को मोड़ने के लिए अतिरिक्त जगह मिलेगी.
18 करोड़ रुपये की लागत से बना यह 648 मीटर लंबा ब्रिज घनी आबादी और बेतरतीब ट्रैफिक वाले ऐशबाग क्षेत्र में बनाया गया है. इसकी डिजाइन में 90 डिग्री का तीखा मोड़ होने से हादसों की आशंका जताई जा रही थी.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर यूजर मनीष चौधरी ने लिखा, "ये भोपाल का ऐशबाग रेल ओवर ब्रिज, जिसे PWD ने पूरे 10 साल में तैयार किया है, मानो कोई 'इंजीनियरिंग चमत्कार' हो. ऐसी संरचनाएं जनता की ज़रूरत नहीं, अधिकारियों की जेबें भरने के लिए बनाई जाती हैं. यह पुल न सिर्फ ट्रैफिक जाम का नया केंद्र बनेगा, बल्कि 90 डिग्री का ये मोड़ बड़े हादसे को न्योता देगा."
एक अन्य यूजर मुकेश ने लिखा, "मौत 90 डिग्री का कोण बना कर आएगी. डेवलपमेंट का यह एंगल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में निकल कर आया है. 18 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं."
जब इस मुद्दे पर PWD मंत्री राकेश सिंह से पत्रकारों ने सवाल किया, तो उन्होंने कहा, "पुल बनने के बाद अचानक कुछ विशेषज्ञ आते हैं और इस तरह की बात करते हैं, जबकि कोई भी पुल बनाते समय कई तकनीकी पहलुओं को देखा जाता है. अगर ये कोई आरोप है, तो इसकी जांच कराई जाएगी."
'आजतक' की खबर के बाद अब रेलवे और पीडब्ल्यूडी के इस कदम से ब्रिज की सुरक्षा और ट्रैफिक सुगमता में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है.