उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में शनिवार को एक धार्मिक विवाद ने अचानक तूल पकड़ लिया. भगवानपुर और बुलाकीगढ़ गांवों में पांच मंदिरों की दीवारों पर I Love Muhammad लिखे जाने की घटना सामने आई है. इसके बाद गांव में तनाव फैल गया. ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी. मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
सूत्रों के मुताबिक, इस घटना की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे. फोरेंसिक एक्सपर्ट्स को भी बुलाया गया. मंदिर की दीवारों पर लिखावट के सैंपल लेकर लैब में जांच कराई जाएगी. इसके साथ ही आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, ताकि उन लोगों की पहचान की जा सके जिन्होंने ये नारे लिखे हैं.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार ने बताया कि पुलिस ने जांच के बाद मुस्तकीम, गुल मोहम्मद, सुलेमान, सोनू, अल्लाहबख्श, हमीद और यूसुफ समेत आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इन सभी पर धार्मिक भावनाएं भड़काने और सार्वजनिक शांति भंग करने की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस घटना को गंभीरता से ले रही है.
एसएसपी ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. इस मामले से जुड़े जमीन विवाद की भी जांच की जा रही है, क्योंकि प्राथमिक जांच में संकेत मिले हैं कि कुछ लोगों के बीच भूमि को लेकर पुराना झगड़ा है. इस पूरे घटनाक्रम में नया मोड़ तब आया जब करणी सेना के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने शिकायत दर्ज कराई.
उन्होंने स्थानीय पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि शुरुआती कार्रवाई में लापरवाही की गई है. असली आरोपियों को पकड़ने की बजाय शिकायत करने वाले ग्रामीण को ही हिरासत में ले लिया गया. उन्होंने यह भी दावा किया कि कुछ पुलिसकर्मियों ने मामले को शांत करने के लिए मंदिर की दीवारों से नारे मिटाने की कोशिश की थी.
उनका कहना है कि यदि पुलिस समय रहते सही कार्रवाई करती, तो माहौल इतना नहीं बिगड़ता. मंदिरों की दीवारों पर ऐसी बातें लिखना आस्था पर सीधा हमला है. पुलिस की मानें तो स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन दोनों गांवों में एहतियातन पुलिस बल की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गई हैं. पुलिस बल को अलर्ट मोड पर रखा गया है.
इस घटना ने प्रदेश में कुछ महीने पहले हुए कानपुर विवाद की याद ताजा कर दी है. दरअसल, 4 सितंबर को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के जुलूस के दौरान कानपुर में भी I Love Muhammad और अन्य धार्मिक नारे लिखे बोर्ड लगाए गए थे. इसके बाद पुलिस ने 24 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. कानपुर और पड़ोस के जिले में विरोध प्रदर्शन हुए थे.
अलीगढ़ की यह घटना अब उसी विवाद की कड़ी बनती दिख रही है. पुलिस को आशंका है कि कुछ तत्व जानबूझकर इस तरह के नारे लिखकर सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. एसएसपी ने साफ किया है कि किसी की धार्मिक भावना से खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, चाहे वह किसी भी समुदाय का व्यक्ति क्यों न हो.
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