ईरान पर इजरायल का सबसे बड़ा हमला लगातार तीसरे दिन रविवार को भी जारी है. बीती रात दोनों तरफ से मिसाइल अटैक होते रहे और इजरायल ने ईरान के रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाने का दावा किया है. हमले के दौरान ईरान के ऑयल डिपो और गैस रिफाइनरी पर भी मिसाइलों से हमला किया गया. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर हमले और तेज करने की बात कही है.
ताजा हमने में ईरान में 60 की मौत
ईरान की राजधानी तेहरान में शनिवार रात को एक रिहायशी इमारत पर इजरायली हमले में 29 बच्चों समेत 60 लोगों की मौत हो गई है. इजरायली हमले में ईरान के प्रमुख सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया है और सैटेलाइट तस्वीरें इसकी गवाही दे रही हैं. डेमियन सिमोन मैक्सार की तरफ से जारी की गई तस्वीरें इजरायल के 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' में ईरान के सैन्य ठिकानों को हुए नुकसान को दर्शाती हैं, जिसमें इस्फ़हान स्थित मिलिट्री फैसिलिटी, तेहरान के गरमदारेह में मिसाइल बेस और पिरानशहर में रडार साइट शामिल है.
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हमले में ईरान के सिविल और डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर दोनों को भारी नुकसान हुआ है, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों में परमाणु ठिकाने और अंडरग्राउंड बैलिस्टिक मिसाइल बेस शामिल हैं. इसकी तुलना में जवाबी कार्रवाई में इज़रायल को मामूली नुकसान हुआ है. हालांकि, राजधानी तेल अवीव को ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों के हमले में पहली बार इतना बड़ा नुकसान पहुंचा है.
जंग में किसका पलड़ा भारी है?
इजरायली सेना ने तेहरान के खिलाफ भीषण हमला किया है, जिसके तहत उसके टॉप कमांडर्स को मार गिराया गया है और ईरान की सैन्य क्षमता को भारी नुकसान पहुंचा है. शुक्रवार की सुबह से ही इजरायली लड़ाकू विमान तेहरान और ईरान के अन्य शहरों पर बमबारी कर रहे हैं, जिसमें इजरायल ने कोई भी विमान या पायलट नहीं खोया. इजरायली सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा है कि ईरान पर उनके देश के हमलों में 200 लड़ाकू विमानों ने करीब 100 टारगेट पर हमला किया.
जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इजरायल पर 100 से ज़्यादा ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं, जिनमें से ज़्यादातर मध्य इजरायल पर फोकस हैं. अधिकारियों ने दावा किया कि इनमें से ज़्यादातर ड्रोन को इजरायली क्षेत्र में घुसने से पहले ही रोक दिया गया था.
इजरायल के मजबूत एयर डिफेंस ने ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों में से ज्यादातर को हवा में तबाह कर दिया, लेकिन कुछ मिसाइलें ज़मीन पर भी अपना असर दिखाने में कामयाब रहीं, जिससे आवासीय परिसर और दफ्तर तबाह हो गए. फॉक्स न्यूज़ के अनुसार, ईरान की तरफ से तेल अवीव में स्थित इज़रायली सेना के मुख्यालय, जिसे किरयात के नाम से जाना जाता है, को सबसे ज्यादा टारगेट किया गया है.
स्थानीय मीडिया के अनुसार, शनिवार को रात भर हुए मिसाइल हमलों में कम से कम तीन इज़रायली नागरिकों की जान चली गई और दर्जनों घायल हो गए. रमत गान और रिशोन लेज़ियन मध्य इज़रायल में सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्र हैं.
इसके अलावा, इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने हमले शुरू करने से पहले ईरान के अंदर अभियान चलाया और ड्रोन भी इकट्ठा किए. दूसरी ओर, इजरायली हमलों में कम से कम सात टॉप ईरानी सैन्य कमांडर मारे गए हैं. इनमें शक्तिशाली इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के प्रमुख, सेना प्रमुख, ईरानी सेना के इंटीग्रेटेड कमांड खतम अल-अनबिया सेंट्रल हेडक्वार्टर के प्रमुख और आईआरजीसी के कुद्स फोर्सेज के कमांडर शामिल हैं. इनमें से कई कमांडरों की मौत सोते समय सटीक हमलों में हुई है.
एक ईरानी राजनयिक ने कहा कि इजरायली हमलों में 80 से ज्यादा ईरानी नागरिक मारे गए और करीब 300 घायल हुए है. सैटेलाइट इमेजरी से पता चलता है कि ईरान के दक्षिणी हिस्से केरमेनशाह और सुदूर पश्चिमी हिस्से के तबरीज़ में ईरान की अंडरग्राउंड मिसाइल सुविधाओं को नुकसान पहुंचा है.
ईरान के तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट, जिनमें नतांज़ और फ़ोर्डो में दो महत्वपूर्ण ईंधन संवर्धन सुविधाएं, साथ ही इस्फ़हान परमाणु साइट शामिल है, इजरायली हमलों में तबाह हो गए. संयुक्त राष्ट्र के सामने गवाही में, IAEA ने कहा कि नतांज़ प्लांट का ऊपरी हिस्सा जहां ईरान 60% तक संवर्धित यूरेनियम का उत्पादन कर रहा था, नष्ट हो गया था और सेंट्रीफ्यूज को नुकसान हो सकता है. इज़रायल ने नौ ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या करने का भी दावा किया है.
इस बीच, उड़ान ट्रैकिंग डेटा से पता चला है कि कई उड़ानें तेहरान से अज्ञात स्थानों के लिए रवाना हो रही हैं, जिससे संकेत मिलता है कि तेहरान अपने विमानों को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहा है या वीवीआईपी लगातार खतरे के मद्देनजर राजधानी से बाहर जा रहे हैं. आगे भी तनाव बढ़ने की आशंका
जबकि अमेरिका ने ईरान से अपने सैन्य बलों और कर्मियों को निशाना न बनाने को कहा है, और कहा है कि वह इसमें सीधे तौर पर शामिल नहीं है. ईरान ने इन दावों को खारिज करते हुए वॉशिंगटन की सैन्य सहायता और राजनीतिक समर्थन का हवाला दिया है, और पश्चिम एशिया में अमेरिकी ठिकानों पर हमला करने की धमकी दी है.
इस बीच, अमेरिकी मीडिया ने बताया कि अमेरिकी सेना ने ईरानी मिसाइलों को रोकने में इजरायल की मदद की. अगर ईरान अमेरिकी सैन्य संपत्तियों पर हमला करने की अपनी धमकी पर अमल करता है तो स्थिति नाटकीय रूप से बिगड़ सकती है. अमेरिका ने पहले ही क्षेत्र में कई हवाई अड्डों से दूतावासों और सैन्य कर्मियों के परिवारों से गैर-जरूरी राजनयिक कर्मचारियों को निकाल लिया है. इसने क्षेत्र में युद्धपोतों को भी तैनात कर दिया है.
इजरायल ने ईरान पर हमला क्यों किया?
इजरायल का दावा है कि तेहरान परमाणु हथियार बनाने की क्षमता हासिल करने वाला है, जो उसके अस्तित्व के लिए खतरा है. ईरान और क्षेत्र में उसके समर्थक इजरायल को पूरी तरह से खत्म करने की कसम खाते हैं. अमेरिका और अन्य पश्चिमी शक्तियां भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम का कड़ा विरोध कर रही हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा कि ईरान के पास परमाणु बम नहीं हो सकता है.
ईरान ने तेहरान पर लगाए गए प्रतिबंधों से राहत के बदले में 2015 में अमेरिका और कई अन्य पश्चिमी शक्तियों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद कुछ परमाणु स्थलों को नष्ट कर दिया था. लेकिन ट्रंप ने तीन साल बाद अमेरिका को इस समझौते से अलग कर लिया, यह दावा करते हुए कि यह ईरान के मिसाइल कार्यक्रम और क्षेत्रीय प्रभाव को कम करने में विफल रहा. ईरान ने 2019 में अपने परमाणु कार्यक्रम की सीमाओं की अनदेखी करना शुरू कर दिया था.
ईरान पर परमाणु बम बनाने के आरोप
हाल ही में ईरान ने घोषणा की कि उसने एक सुरक्षित स्थान पर एक अन्य न्यूक्लियर फैसिलिटी का निर्माण पूरा कर लिया है, लेकिन उसने ज्यादा जानकारी नहीं दी. हाल के दिनों में वॉशिंगटन और तेहरान ने ओमान की मध्यस्थता में कई दौर की अप्रत्यक्ष वार्ता की है, जिसे अब खास तौर पर इजरायल के हमले से पहले ईरान को गुमराह करने का प्लान बता रहे हैं.
ईरानी अधिकारियों के अनुसार, सबसे घातक हमलों में से एक तेहरान में हुआ, जहां एक इज़रायली मिसाइल ने एक बहुमंजिला इमारत को निशाना बनाया, जिसमें 29 बच्चों सहित कम से कम 60 लोग मारे गए. उत्तरी इज़रायल में एक घर के पास पहले हुए एक अन्य हमले में तीन महिलाओं की मौत हो गई और दस अन्य घायल हो गए.
जवाब में, तेहरान ने इजरायल पर मिसाइलों की एक और बौछार की. ईरानी मिसाइलें इजरायल के आसमान में घुस गईं, जिसके बारे में इजरायली आपातकालीन अधिकारियों ने कहा कि गैलिली क्षेत्र में एक अपार्टमेंट की इमारत में चार लोगों की मौत हो गई.