रायबरेली में राहुल गांधी की यात्रा के दौरान बीजेपी नेताओं का दोहरा रुख देखने को मिला है। एक तरफ, मंत्री दिनेश सिंह ने राहुल गांधी का विरोध किया, वहीं दूसरी तरफ उनके बेटे को राहुल गांधी से हंसते हुए हाथ मिलाते देखा गया। इस घटना ने जिले की राजनीति में कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
यूपी के रायबरेली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दो दिवसीय यात्रा के दौरान जमकर सियासत हुई. जहां पहले दिन बीजेपी नेता और मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने राहुल के दौरे का खुले तौर पर विरोध किया और उनका रास्ता रोकने की कोशिश की. वहीं, अगले दिन जिला विकास और समन्वय समिति की एक बैठक में दिनेश के ब्लॉक प्रमुख बेटे पीयूष प्रताप सिंह राहुल गांधी से हंसते-हंसते हाथ मिलाते नजर आए. खुद मंत्री दिनेश सिंह भी इस दौरान मुस्कुराते हुए दिखे.
विरोध के बावजूद हंसी-मजाक का माहौल
राहुल गांधी के रायबरेली दौरे का जहां बाहर विरोध हो रहा था, वहीं अंदर का माहौल बिल्कुल अलग था. बैठक के दौरान राहुल गांधी और अन्य प्रमुख नेताओं के बीच चाय-बिस्किट के दौर में आत्मीयता दिखी. हालांकि, बीच में राहुल-दिनेश के बीच तल्ख़ी देखने को मिली. इसका वीडियो भी सामने आया है.
दिनेश सिंह, जो पहले गांधी परिवार के करीबी माने जाते थे, अब राहुल के विरोध के बावजूद बैठक में बेटे पीयूष प्रताप को उनसे मिलवाते नजर आए. दिनेश की मुस्कान और बेटे का राहुल से हाथ मिलाना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है.
समाजवादी पार्टी से आए नेता का विरोध
इस बैठक में एक और दिलचस्प मोड़ तब आया जब समाजवादी पार्टी से भाजपा में आए मनोज पांडे ने बैठक का बहिष्कार कर दिया. उन्होंने कांग्रेस पर प्रधानमंत्री की मां का अपमान करने का आरोप लगाया और कहा कि रायबरेली में राहुल गांधी का जितना विरोध किया जा सके, किया जाएगा.
राजनीति के बदलते समीकरण
रायबरेली की यह घटना आगामी चुनावों को लेकर बदलते सियासी समीकरणों का संकेत देती है. जहां एक ओर बीजेपी नेता राहुल गांधी का विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उनके परिवार के सदस्य अनौपचारिक तौर पर राहुल से मुलाकात कर रहे हैं. जानकार कहते हैं कि तस्वीर यह दिखाती है कि राजनीति में सब कुछ 'खुलेआम' नहीं होता और 'पर्दे के पीछे' के रिश्ते अक्सर अलग होते हैं.
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