केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को एक वर्चुअल रैली के माध्यम से बिहार के गोपालगंज और समस्तीपुर जिलों में मतदाताओं को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आगामी बिहार चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास के एजेंडे और राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन के 'जंगल राज' के बीच एक विकल्प है.
अमित शाह ने कहा, 'यह चुनाव यह तय करने का अवसर है कि बिहार का भविष्य किसे सौंपा जाए. एक तरफ वे लोग हैं जिन्होंने बिहार में जंगल राज की शुरुआत की. दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी है, जिन्होंने राज्य का विकास किया है.' गृह मंत्री पहले गोपालगंज और समस्तीपुर आने वाले थे. लेकिन खराब मौसम के कारण उनका हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भरने सका, इसलिए उन्हें वर्चुअल संबोधन करना पड़ा.
उन्होंने राजद पर तीखा हमला बोला और लालू प्रसाद यादव-राबड़ी देवी के शासनकाल में पार्टी पर बिहार में अराजकता का दौर चलाने का आरोप लगाया. लालू प्रसाद यादव के गृह जिले गोपालगंज में केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने राबड़ी देवी के भाई साधु यादव पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'गोपालगंज के लोगों ने 2002 के बाद से कभी राजद को वोट नहीं दिया. मुझे यकीन है कि वे इस रुझान को जारी रखेंगे... गोपालगंज के लोगों से बेहतर साधु यादव के कारनामों को कोई नहीं जानता.'
साधु यादव और जंगल राज की दिलाई याद
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गोपालगंज से विधायक और सांसद रह चुके साधु यादव अपनी बहन राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री रहते हुए आपराधिक गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए अक्सर सुर्खियों में रहे. 1999 में लालू और राबड़ी की बड़ी बेटी मीसा भारती की शादी के दौरान एक शोरूम से जबरन गाड़ियां उठवा ले जाने की कुख्यात घटना उनके नाम से जुड़ी है, जिसका जिक्र प्रधानमंत्री मोदी ने अपने हालिया बिहार संबोधन में भी किया था. मिस पटना रहीं शिल्पी गौतम हत्याकांड में भी उनका नाम सामने आया था.
समस्तीपुर की अपनी रैली में अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और उन पर अपनी 'मतदाता अधिकार यात्रा' के जरिए घुसपैठियों का समर्थन करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी जितनी चाहें उतनी यात्राएं निकालें. प्रत्येक घुसपैठिए को देश से बाहर निकाला जाएगा. एसआईआर का उद्देश्य यही था और हम चुनाव आयोग के देश भर में यह अभियान चलाने के फैसले का स्वागत करते हैं.'
किसानों और महिलाओं पर केंद्रित घोषणापत्र
अमित शाह ने कहा कि बिहार के लिए भाजपा-जद(यू) गठबंधन का घोषणापत्र किसानों और महिलाओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित है. उन्होंने कहा, 'घोषणापत्र में दो प्रमुख बातें हैं- एक किसानों के लिए और एक महिलाओं के लिए, जिसे मैं दोहराना चाहता हूं. हाल ही में, नीतीश कुमार और पीएम मोदी ने 1.41 करोड़ जीविका दीदियों के खातों में 10,000 रुपये जमा किए हैं. वे सभी जीविका दीदियों को अलग-अलग तरीकों से 2 लाख तक भेजेंगे. दूसरा, हम बिहार के 27 लाख किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये देते हैं. अब, हम इसमें 3,000 रुपये जोड़कर 9,000 रुपये देंगे.' उन्होंने आगे आश्वासन दिया कि बिहार में सभी बंद चीनी मिलों को पांच साल के भीतर फिर से खोल दिया जाएगा, और पुनौरा धाम विकास परियोजना दो साल में पूरी हो जाएगी.
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