दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच ने लगभग एक दशक से फरार चल रहे वेलकम दोहरे हत्याकांड के दोषी को गुजरात से गिरफ्तार कर लिया है. उसका नाम हसीन हुसैन है. उसने साल 2006 में शादी के रिश्ते को लेकर हुए विवाद में अपने पड़ोसी परिवार पर हमला बोलकर दो लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी. साल 2013 में दिल्ली की एक अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
पुलिस उपायुक्त (अपराध) संजीव कुमार यादव के मुताबिक, 47 वर्षीय हसीन हुसैन उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है. उस पर दिल्ली के वेलकम इलाके के निवासी पप्पू और उसकी मां अनीशा की हत्या और शिकायतकर्ता की बहन हीना पर जानलेवा हमले का आरोप था. अदालत में पेश सबूतों और गवाहों के आधार पर उसे दोषी करार दिया गया था. इसके बाद सजा ऐलान हुआ था.
साल 2015 में दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए उम्रकैद को मुकर्रर रखा. साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करने के नाम पर हसीन को हाई कोर्ट से चार हफ्ते की पैरोल मिली. कोर्ट ने भरोसा किया कि वो समय पर लौट आएगा, लेकिन हमेशा के लिए गायब हो गया. पैरोल खत्म होने के बाद सरेंडर नहीं किया. पुलिस से लगातार बचता रहा.
🚨⚡ MAJOR BREAKTHROUGH by ARSC/CRIME BRANCH! ⚡🚨
👮♂️ LIFE CONVICT & PAROLE JUMPER ABSCONDING FOR 10 YRS ARRESTED 🔥
🔫 Accused of DOUBLE MURDER & ATTEMPT TO MURDER
🕵️ Hiding as clothes seller across Assam ➝ MP ➝ Gujarat
📍 Finally nabbed from Godhra, Gujarat after relentless… pic.twitter.com/F63lWGEetq
फरारी के दौरान हत्यारे ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अलग-अलग राज्यों का रुख किया. पहले असम में तीन साल, फिर मध्य प्रदेश में तीन साल बिताए और आखिरकार गुजरात में आकर बस गया. पिछले चार साल से वो गोधरा में कपड़े बेच रहा था. वहां अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था. इसी बीच पुलिस को उसके गोधरा में छिपे होने की सूचना मिली. वहां जाकर पुलिस ने उसे पकड़ लिया.
पुलिस पूछताछ में हुसैन हसीन ने स्वीकार किया कि वो लगातार पहचान और ठिकाना बदलकर पुलिस को चकमा दे रहा था. साल 2006 के इस दोहरे हत्याकांड ने वेलकम इलाके को दहला दिया था. जनता कॉलोनी में हसीन और उसके साथी हथियारों से लैस होकर शिकायतकर्ता के घर में घुस गए थे. ताबड़तोड़ गोलियां चला दी. इस हमले में पप्पू और उसकी मां अनीशा की मौके पर ही मौत हो गई.
हालांकि, इस जानलेवा हमले में उसकी बहन हीना बच निकली. इस वारदात में आठ लोग नामजद थे. इनमें से चार को अदालत ने दोषी ठहराया था, जबकि बाकी या तो बरी कर दिए गए या अपील में बाद में सजा मिली. लेकिन मुख्य दोषियों में से एक हसीन हुसैन का फरार हो जाना पुलिस और अदालत दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती बना रहा. अब उसकी गिरफ्तारी ने केस को सुर्खियों में ला दिया है.
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