पंजाब के पंचकूला में पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा अख्तर के बेटे अकील की रहस्यमय मौत में एक नया ट्विस्ट सामने आया है. इस केस की जांच एसआईटी की टीम पंचकूला के सेक्टर-4 स्थित मुस्तफा के घर पहुंची. उस कमरे की तलाशी ली गई, जहां अकील की संदिग्ध परिस्थितियों में जान गई थी. यहां जांच के दौरान कमरे से कई संदिग्ध चीजें मिलीं हैं.
सूत्रों के मुताबिक, अकली अख्तर के कमरे से सीरींज, सफेद रंग का पाउडर और कुछ अन्य केमिकल जैसी वस्तुएं बरामद हुई हैं. सभी सामान को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि अकील ने किस पदार्थ का सेवन किया था और मौत का कारण क्या रहा था. इस केस जांच की दिशा वैज्ञानिक आधार पर आगे बढ़ाई जा रही है.
इसके साथ ही पुलिस ने अकील का मोबाइल और लैपटॉप भी बरामद कर लिया है. इस मोबाइल से वीडियो रिकॉर्ड करके सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया था. घर की तलाश पूरी हो चुकी है. पुलिस जल्दी ही मोबाइल और लैपटॉप को फोरेंसिक जांच के लिए भेजेगी. इसकी रिपोर्ट में साफ हो जाएगा कि अकील के मोबाइल और लैपटॉप से कोई छेड़छाड़ हुई है या नहीं?
एसआईटी चीफ विक्रम नेहरा ने बताया कि इस केस में सबसे अहम सुराग वह डायरी है, जिसे लेकर शुरू से चर्चा थी कि उसमें अकील ने अपनी जिंदगी से जुड़ी अहम बातें लिखी हैं. यही डायरी अब पुलिस के हाथ लगी है. उन्होंने बताया, ''अकली की डायरी में कमोबेश वही बातें लिखी हैं जो उसने अपने वीडियो में कही थीं, लेकिन कई एंट्रीज आपस में विरोधाभासी हैं.''
अकील ने अपनी मौत से पहले कुछ वीडियो रिकॉर्ड किए थे, जिनमें उसने अपने ही परिवार पर टॉर्चर और हत्या की साजिश रचने के आरोप लगाए थे. एक वीडियो में उसने अपने परिवार के खिलाफ बातें कही थी, लेकिन दूसरे में उसने परिवार का बचाव किया था. एसआईटी पूर्व डीजीपी के घर में काम करने वाले घरेलू सहायकों और कर्मचारियों से पूछताछ शुरू कर दी है.
डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने कहा कि एसआईटी यह समझने की कोशिश कर रही है कि अकील और उसके परिवार के बीच रिश्ते कैसे थे और आखिरी बार अकील किस मानसिक स्थिति में था. इस मामले में एफआईआर दर्ज हुए एक हफ्ता हो चुका है, लेकिन अभी तक अकील के पिता मोहम्मद मुस्तफा, मां रजिया सुल्ताना या परिवार के बाकी सदस्यों से पूछताछ नहीं हो सकी है.
शिकायतकर्ता और राजनीतिक कार्यकर्ता शम्सुद्दीन चौधरी ने पुलिस जांच की रफ्तार पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, ''अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया और न ही उनमें से किसी से पूछताछ की गई है. ऐसा क्यों? मैं खुद पूर्व डीजीपी मुस्तफा और उनके समर्थकों से धमकियों का सामना कर रहा हूं. अब जरूरत है कि जांच सीबीआई को सौंपी जाए.''
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने अकील के दाहिने हाथ की कोहनी के ऊपर एक इंजेक्शन मार्क दर्ज किया है. सवाल यही है कि क्या यह इंजेक्शन अकील ने खुद लगाया था या किसी और ने? एसआईटी चीफ ने कहा कि इस निशान के फॉरेंसिक विश्लेषण से ही सच्चाई सामने आएगी. आम तौर पर नशे के आदी लोग अपनी बाईं बांह पर निशान छोड़ते हैं.
इस केस में अकील के दाहिने हाथ पर मौजूद यह एकमात्र निशान कई शक पैदा करता है. उन्होंने बताया कि एसआईटी अब अकील की मेडिकल हिस्ट्री, सोशल मीडिया अकाउंट्स और गैजेट्स की जांच करेगी. इसके साथ ही उसके वीडियो की फॉरेंसिक एनालिसिस भी कराई जाएगी ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वीडियो कहीं एडिटेड तो नहीं थे, आरोपों में क्या सच्चाई है?
उधर, पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा ने अपने बेटे के सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उनका कहना है कि अकील पिछले 18 साल से नशे की लत में था और मानसिक रूप से अस्थिर था. मुस्तफा के मुताबिक, उनके बेटे द्वारा लगाए गए आरोपों को गंभीरता से लेना गलत होगा, क्योंकि उसका लंबे समय से इलाज में चल रहा था.
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