सूडान: ऊंटों पर आए RSF लड़ाकों ने 200 लोगों को उतार दिया मौत के घाट? चश्मदीद का भयावह दावा

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सूडान के शहर अल-फशीर के पास बीते दिनों ऊंटों पर सवार कुछ लड़ाकों ने करीब दो सौ लोगों को घेर लिया और उन्हें एक जलाशय के पास ले गए. चश्मदीद अलखैर इस्माइल के अनुसार, हमलावर नस्लीय गालियां देते हुए लोगों को वहां लेकर पहुंचे और फिर उन्हें गोली मार दी. इस्माइल ने कहा कि हमलावरों में से एक ने उसे स्कूल के दिनों से पहचान लिया और जाने दिया. इस्माइल ने बताया, 'उसने बाकी लोगों से कहा कि इसे मत मारो. लेकिन उन्होंने मेरे दोस्तों और बाकी सभी को मार दिया.' 

इस्माइल शहर में फंसे अपने रिश्तेदारों के लिए खाना लेकर जा रहे थे. उन्होंने कहा कि वे और अन्य लोग निहत्थे थे. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने ऐसे चार गवाहों और छह राहतकर्मियों से बात की, जिन्होंने बताया कि अल-फशीर से भागते लोगों को पास के गांवों में रोका गया. पुरुषों को महिलाओं से अलग किया गया और फिर उन्हें ले जाया गया. एक गवाह ने बताया कि 'उसके बाद गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं.'

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने पहले ही दी थी चेतावनी

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और विश्लेषकों ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर अर्धसैनिक संगठन रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) अल-फशीर पर कब्जा कर लेता है, तो जाति के आधार पर बदले की हत्याएं हो सकती हैं. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने शुक्रवार को कहा कि संभवतः सैकड़ों निर्दोष लोगों और निहत्थे लड़ाकों को मार दिया गया है, जो एक युद्ध अपराध है.

RSF ने आरोपों को किया खारिज

हालांकि RSF ने इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि ये बातें विरोधियों की ओर से गढ़ी गई हैं. RSF की जीत डारफुर क्षेत्र में दो-ढाई साल से चल रहे गृहयुद्ध में बड़ा मोड़ मानी जा रही है. रॉयटर्स ने सोशल मीडिया पर कम से कम तीन ऐसे वीडियो वैरिफाई किए हैं जिनमें RSF यूनिफॉर्म पहने लोग निहत्थे कैदियों को गोली मारते दिख रहे हैं और दर्जनभर वीडियो ऐसे हैं जिनमें गोलीबारी के बाद शवों के ढेर नजर आ रहे हैं.

'हार छिपाने की कोशिश कर रही सेना'
 
RSF के एक वरिष्ठ कमांडर ने कहा कि 'मीडिया ये सब बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रहा है' और सेना अपनी हार छिपाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि RSF लीडरशिप ने किसी भी उल्लंघन की जांच का आदेश दिया है और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. कमांडर ने दावा किया कि कुछ सैनिक और लड़ाके नागरिक बनकर बचने की कोशिश कर रहे थे, इसलिए उन्हें पूछताछ के लिए ले जाया गया. ऐसी कोई हत्या नहीं हुई जैसा दावा किया जा रहा है.

अंतरराष्ट्रीय मेडिकल संगठन Medecins Sans Frontieres (MSF) ने कहा कि चश्मदीदों ने बताया कि 26 अक्टूबर को लगभग 500 नागरिक और सूडानी सेना तथा उसके सहयोगी समूहों के सैनिक भागने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अधिकांश को RSF और उसके सहयोगियों ने मार दिया या पकड़ लिया.

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