झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी एक बार फिर सियासी विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं. जिसको लेकर प्रदेश में बवाल मचा हुआ है. दरअसल उनके बेटे का अस्पताल में निरीक्षण का एक वीडियो सामने आया है.
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रांची में पारस अस्पताल का निरीक्षण करता मंत्री का बेटा. (Photo: Screengrab)
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी एक बार फिर सियासी विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं. जिसको लेकर प्रदेश में बवाल मचा हुआ है. दरअसल उनके बेटे कृष अंसारी का एक इंस्टाग्राम रील रांची के पारस अस्पताल का 'निरीक्षण' करते वायरल हो रहा है. वीडियो में कृष के साथ एक बॉडीगार्ड और उनके कुछ दोस्त भी दिख रहे हैं.
मंत्री बोले, बेटे ने नहीं किया कोई गलत काम
वीडियो में वे मरीजों से बातचीत करते हैं और उनकी समस्याएं सुनते दिखाई दे रहे हैं. इतना ही नहीं, वायरल रील में कृष अंसारी को रांची स्थित मंत्री आवास में आम लोगों की समस्याएं सुनते हुए भी दिखाया गया है. इस रील के सोशल मीडिया पर सामने आते ही सियासी हलचल मच गई.
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विपक्ष ने सवाल खड़ा करते हुए पूछा है कि मंत्री का बेटा किस अधिकार से अस्पतालों का निरीक्षण कर रहा है? हालांकि विवाद बढ़ता देख कृष अंसारी ने वह पोस्ट इंस्टाग्राम से हटा दिया है. मामले पर सफाई देते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि कृष अंसारी ने किसी भी तरह का गलत कार्य नहीं किया.
मंत्री ने किया बेटे का बचाव
मंत्री ने बताया कि कृष अपने एक शिक्षक की तबीयत खराब होने की वजह से अस्पताल में मिलने गया था. वहां कुछ आदिवासी मरीज भी थे, जिनकी मदद करने के उद्देश्य से वह वहां रुका. मंत्री ने कहा कि इसमें भलाई का काम हुआ है, इसमें कोई गलती नहीं. बीजेपी जानबूझकर इस मुद्दे को तूल दे रही है.
अगर कोई मदद करता है तो उसकी तारीफ होनी चाहिए, आलोचना नहीं. फिलहाल बीजेपी ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है. पार्टी नेताओं का कहना है कि संवैधानिक पद पर बैठे मंत्री के बेटे को इस तरह सरकारी संस्थानों का निरीक्षण करने का अधिकार नहीं है. यह न केवल सरकारी नियमों का उल्लंघन है बल्कि सत्ता के दुरुपयोग का भी मामला बनता है.
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