हेयर डाई से लड़की के सिर में हुआ घाव! बाल कलर कराते समय ये सावधानियां भी जरूरी

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18 साल की एक लड़की के साथ उस वक्त एक बड़ा हादसा हो गया, जब वह अपने बालों को सैलून में डाई करवाने गई थीं. किरी पिछले चार सालों से कई बार बाल डाई करवा चुकी थीं. इस बार वह अपना लुक बदलना चाहती थीं ताकि ग्रेजुएशन से पहले अपने बालों को नया स्टाइल दे सकें. लेकिन जब हेयरड्रेसर ने उनके बालों पर फॉइल लगाया और लगभग 1 घंटा बीतने के बाद उनके सिर पर तेज जलन होने लगी और ऐसा लग रहा था जैसे पूरा सिर जल रहा हो.

क्या था पूरा मामला?

नॉर्थ कैरोलाइना (यूएस) की रहने वाली किरी मार्टिन जब सलून में गई तो हेयर डाई कराते समय फॉइल लगाया जाता है. जब हेयरड्रेसर ने सिर में लगा फॉइल हटाया तो किरी ने देखा कि उनके बालों से धुआं निकल रहा था. सैलून से घर पहुंचने के बाद उन्होंने अपनी सिर पर लंबी लाल लकीर देखी और सिर में सूजन आ गई. धीरे-धीरे सिर से त्वचा और बालों के टुकड़े झड़ने लगे. घबराकर किरी तुरंत हॉस्पिटल गईं. डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि उन्हें फर्स्ट-डिग्री केमिकल बर्न हुआ है, जिसके कारण  त्वचा की सबसे बाहरी परत एपिडर्मिस जल गई है. वहीं किरी के सिर में एक गहरा सा गड्डा भी हो गया था जो सिर की अधिक त्वचा जलने के कारण हुआ था. 

केमिकल बर्न होने का कारण क्या हो सकता है?

केमिकल बर्न तब होता है जब कोई तेज रसायन त्वचा या शरीर के नरम हिस्सों को जला दे या नुकसान पहुंचा दे. यह तो साफ नहीं है कि किरी के सिर पर किस केमिकल से जलन हुई, लेकिन अक्सर ऐसे जलने का कारण तेज एसिड (जैसे हाइड्रोक्लोरिक एसिड) या तेज बेस/अल्कलाइन (जैसे सोडियम हाइड्रॉक्साइड) होते हैं.

कुछ हेयर डाई में भी ऐसे कंपाउंड होते हैं, जैसे अमोनिया जो बालों की क्यूटिकल को खोल देता है ताकि रंग अंदर तक जा सके. वहीं, हाइड्रोजन पेरॉक्साइड बालों की नेचुरल परत को हटाकर डाई के लिए तैयार करता है. यह त्वचा की ऊपरी परत (एपिडर्मिस) को नुकसान पहुंचा सकते हैं और जलन या घाव बना सकते हैं.

हो सकता है डाई में मौजूद केमिकल्स ने किरी के हेयर फॉलिकल्स को ही खत्म कर दिया हो. हेयर फॉलिकल्स ही नए बाल उगाने के लिए जरूरी होते हैं. अगर उनकी जगह पर स्कार टिश्यू (घाव भरने वाला ऊतक) बन गया है तो वहां बाल आना मुश्किल है. कभी दोबारा बाल आ भी सकते हैं लेकिन इसमें काफी समय लगेगा और वे तभी आएंगें जब  हेयर फॉलिकल्स सही हालत में होंगे.

किरी का कहना है कि घाव भरने में पूरे दो महीने लग गए. लेकिन उनके सिर पर अभी भी पैच है. उन्होंने यह भी कहा कि अब तक उस जगह पर एक भी बाल नहीं उगा है और शायद वहां कभी बाल न आएं.

अमेरिकन बर्न एसोसिएशन (ABA) के मुताबिक, हर साल 25,000 से 1 लाख तक केमिकल बर्न के मामले सामने आते हैं. यह सभी बर्न इंजरीज का लगभग 3% हिस्सा होते हैं. ऐसे बर्न का इलाज आमतौर पर टॉपिकल कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स से किया जाता है जो सूजन को कम करते हैं. अगर इंफेक्शन हो जाए तो एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं.

तो अगर आप भी हेयर कलर करवाने जा रहे हैं तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें:-

पैच टेस्ट करना न भूलें- बालों में डाई लगाने से 48 घंटे पहले थोड़ा-सा डाई अपनी कोहनी या कान के पीछे लगाकर देखें. अगर जलन, खुजली या लालपन हो तो डाई न करें. इससे एलर्जी का पता चल जाता है.

अपने बाल और स्कैल्प को समझे- अगर पहले से सिर में जलन, खुजली या घाव है तो उस समय डाई न करवाएं. पहले समस्या ठीक होने दें या किसी एक्सपर्ट से सलाह लें.

क्वालिटी प्रोडक्ट चुनें – हमेशा अच्छी कंपनी और भरोसेमंद ब्रांड का हेयर कलर इस्तेमाल करें. सस्ते या लोकल प्रोडक्ट लेने से बचें.

सैलून का चुनाव सोच-समझकर करें – हमेशा अच्छ सैलून या पार्लर में जाएं, सस्ते के चक्कर में न पड़े. अनुभवी और प्रोफेशनल हेयरड्रेसर से ही बाल डाई करवाएं.

डाई लगाते समय जलन हो तो तुरंत हटवा दें – अगर सिर पर जलन, चुभन या खुजली महसूस हो तो तुरंत डाई धुलवा दें.

डाई के बाद केयर करें – कलर करवाने के बाद हल्के शैम्पू और अच्छे कंडीशनर का इस्तेमाल करें, ताकि बाल और स्कैल्प सुरक्षित रहें.

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