'अमेरिका के साथ नाइंसाफी...', यूरोप ने गूगल पर लगाया जुर्माना तो भड़के डोनाल्ड ट्रंप

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Donald Trump speaks on EU fine on Google-Apple: 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' इस राजनीतिक नारे को डोनाल्ड ट्रंप की ओर से 2016 में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव के दौरान दिया गया था. इसके बाद जब उन्होंने दूसरी बार 2024 का राष्ट्रपति का चुनाव जीतो तो इस नारे को हकीकत बनाने में जुट गए. इसी क्रम में दुनिया भर के मुल्कों पर टैरिफ की झड़ी लगा दी. दूसरे कार्यकाल के पहले कुछ महीनों में राष्ट्रपति अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने में जुटे हैं. साथ ही अमेरिकी कंपनियों पर लगाए जाने का कड़ा विरोध कर रहे हैं, ताकि आर्थिक स्थिती को और मजबूत किया जा सके.

इस बीच यूरोप की ओर से टेक कंपनी गूगल पर 2.9 बिलियन डॉलर (करीब 29 हज़ार करोड़) जुर्माना लगाए जाने को लेकर डोनाल्ड ट्रंप भड़क गए हैं. उन्होंने कहा कि वह अमेरिकी कंपनियों पर यूरोप के जुर्माने नहीं सहेंगे.

डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर पोस्ट करते हुए ट्रंप ने लिखा, 'गूगल पर यूरोप की ओर से 3.5 बिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया है. यह अमेरिकी कंपनियों और निवेश के ख़िलाफ़ भेदभावपूर्ण कार्रवाई है. यूरोप पहले भी गूगल और अन्य अमेरिकी टेक कंपनियों पर भारी भरकम जुर्माना लगाते आया है, ये अमेरिकी टैक्सपेयर के साथ नाइंसाफी है.'

ट्रंप ने ऐप्पल का उदाहरण देते हुए कहा कि कंपनी पर 17 बिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया था, जो उनके मुताबिक गलत था और उसे वापस मिलना चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसी कार्रवाई बंद नहीं हुई तो उनकी सरकार 'धारा 301' के तहत कार्यवाही शुरू करेगी, ताकि इन "अनुचित जुर्माने" को रद्द किया जा सके. 

गूगल पर क्यों यूरोप ने लगाया जुर्माना?

गूगल पर समय-समय पर यूरोप जुर्माना लगाता आया है. इस बार जुर्माने की राशि 3.5 बिलियन डॉलर है, जो कि डिजिटल विज्ञापन तकनीक के ग़लत तौर पर इस्तेमाल करने को लेकर लगाया गया है. यूरोप का आरोप है कि गूगल अपने सेवाओं को प्राथमिकता देता है, कॉम्पिटिटर और ऑनलाइन पब्लिशर्स के खिलाफ बाजार में अनुचित शक्ति का उपयोग करता है. 

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