उत्तर प्रदेश के बांदा के नरैनी तहसील क्षेत्र से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां चकबंदी कार्यालय में तैनात लेखपाल विकास सिंह ने SDM अमित शुक्ला पर गंभीर आरोप लगाए हैं. लेखपाल का कहना है कि उन्होंने SDM के मनमुताबिक रिपोर्ट नहीं लगाई, तो उन्हें बंधक बनाकर मारा-पीटा गया, फोन छीन लिया गया और गिरफ्तार कराने की धमकी दी गई. इसके बाद डेढ़ घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया और जबरन रिपोर्ट लिखवाई गई.
लेखपाल का गंभीर आरोप
लेखपाल विकास सिंह के मुताबिक, यह घटना 29 अक्टूबर की है. पथरा गांव में एक अवैध निर्माण हो रहा था, जिस पर विवाद भी चल रहा था. SDM ने कथित तौर पर उस निर्माण को सही बताते हुए उनके पक्ष में रिपोर्ट लगाने को कहा. लेखपाल ने जब मना किया और कहा कि निर्माण अवैध है, तो SDM भड़क गए.
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उन्होंने अपशब्द कहे, बगल के कमरे में खींचकर ले गए और धमकी दी कि इतने जूते मारूंगा कि गंजे हो जाओगे. इसके बाद डेढ़ घंटे बाद उन्हें छोड़ा गया. लेखपाल ने पूरी घटना की जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी. इस मामले से पूरे जिले के चकबंदी लेखपालों में आक्रोश फैल गया है.
पीड़ित लेखपाल.SDM ने आरोपों को बताया झूठा
वहीं, SDM अमित शुक्ला ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने कहा कि लेखपाल अपने सरकारी कार्य और दायित्वों का सही ढंग से पालन नहीं कर रहे थे. इसलिए उन्हें कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए थे. SDM ने कहा, इनसे पूछा जाए कि इन्होंने किस प्रकरण में गलत रिपोर्ट लगाई है. ये सारे आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं.
ADM ने जांच के आदेश दिए, नोटिस वापस लिया गया
ADM वित्त कुमार धर्मेंद्र ने बताया कि मामला पथरा गांव से जुड़ा है, जो आबादी क्षेत्र का है. इस प्रकरण में चकबंदी विभाग के नायब तहसीलदार ने नोटिस जारी किया था. ADM ने कहा कि चूंकि यह मामला आबादी से जुड़ा है, इसलिए लेखपाल को इसमें कार्रवाई नहीं करनी चाहिए थी. अब नोटिस वापस ले लिया गया है. आरोपों की जांच चकबंदी विभाग और जिला प्रशासन दोनों स्तरों पर की जा रही है. जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई की जाएगी.
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