'काम छोड़कर सब यहां आ गए?', स्वागत में खड़े अफसरों की CM सिद्धारमैया ने लगाई क्लास

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बंगारपेट के विधायक एसएन नारायणस्वामी की बेटी की शादी में कोलार पहुंचे कनार्टक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जब पुलिस और प्रशासन के सीनियर अफसरों को अपने स्वागत में खड़ा देखा, तो वह उन पर भड़ग गए और मौके पर ही उनकी क्लास ले ली.

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कोलार जिले के अधिकारियों को अपने स्वागत में खड़े देख भड़क गए. (File Photo: PTI)

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया मंगलवार को कोलार जिले के रामासंद्रा बॉर्डर पर अपने स्वागत में पहुंचे पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों पर भड़क गए. मुख्यमंत्री बंगारपेट के विधायक एसएन नारायणस्वामी की बेटी की शादी में शामिल होने पहुंचे थे. इसकी सूचना पाते ही कोलार के पुलिस अधीक्षक (SP), डिप्टी कमिश्नर (DC) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी फूलों का गुलदस्ता लेकर उनके स्वागत में आंध्र प्रदेश-कर्नाटक सीमा पर स्थित रामासंद्रा क्रॉसिंग पर खड़े हो गए.

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अपने काफिले से उतरे और जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को अपने स्वागत में खड़ा देख भड़क गए. उन्होंने गुस्से में अधिकारियों से पूछा, 'सब यहां क्यों आए हो? अपना काम छोड़कर स्वागत करने आए हो?' सिद्धारमैया ने कहा, 'मुझे स्वागत की जरूरत नहीं. अपना काम करो, जनता की सेवा करो.' उन्होंने अधिकारियों को तुरंत अपनी ड्यूटी पर लौटने का आदेश दिया.

ड्यूटी पहले, प्रोटोकॉल बाद में

सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि 'शादी में जा रहा हूं, सरकारी कार्यक्रम में नहीं. आप लोग अपनी ड्यूअी छोड़कर यहां क्यों खड़े हो?' उनका गुस्सा इस बात पर था कि जिले के टॉप अधिकारी ड्यूटी से हटकर सिर्फ औपचारिकता निभाने पहुंच गए. कोलार के पुलिस अधीक्षक और डिप्टी कमिश्नर ने मुख्यमंत्री से सॉरी बोला और तुरंत ड्यूटी पर लौट गए. यह पहली बार नहीं जब सिद्धारमैया ने बिना वजह के प्रोटोकॉल फॉलो करने पर ​अधिकारियों को फटकार लगाई हो.

सिद्धारमैया पहले भी VIP कल्चर के खिलाफ बोल चुके हैं और अधिकारियों को जनता के बीच रहने की हिदायत दे चुके हैं. उन्होंने एक बार कहा था कि अधिकारियों का काम नेताओं की चापलूसी करना नहीं, जनसेवा है. कोलार जिले में कानून-व्यवस्था और विकास कार्यों की समीक्षा के लिए भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि 'स्वागत में समय बर्बाद मत करो, परिणाम दिखाओ.' कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस रुख को ‘सादगी और जिम्मेदारी का प्रतीक’ करार दिया. 

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