भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार वर्ल्ड कप मैच जीतकर इतिहास रच दिया है. इस जीत पर सभी का सीना गर्व से फूल गया है, वहीं भावुक भी हो रहे हैं. बॉलीवुड एक्ट्रेस सैयामी खेर हीरोइन होने के साथ-साथ स्पोर्ट्पर्सन भी हैं. इस शानदार जीत पर उन्होंने टीम को बधाई दी, लेकिन साथ ही अपने बचपन के दिन भी याद किए. एक्ट्रेस ने बताया कि कैसे उन्हें लड़की होने के नाते स्पोर्ट्स फील्ड में हीन भावना से देखा जाता था.
8 साल की उम्र से खेला क्रिकेट
सैयामी बोलीं- मेरा क्रिकेट से प्यार उस वक्त शुरू हुआ जब मैं सिर्फ 8 साल की थी. मैं अपने पापा के साथ टीवी पर 'द मास्टर' को बल्लेबाजी करते हुए देखा करती थी. मैं पूरी तरह क्रिकेट में खो गई थी, लेकिन जब मैंने लड़कों से कहा कि मैं भी उनके साथ खेलना चाहती हूं, तो वे हंसते थे. उनकी हंसी तब रुकी जब मैंने गेंद उठाई और उन्हें एक-एक करके आउट कर दिया.
''सालों बाद, जब मैं ऐसे कमरों में बैठी होती थी जहां सिर्फ मर्द होते थे, और मैं कवर ड्राइव या रिवर्स स्विंग की बात करती थी, तो वे फिर वही मुस्कान देते, जैसे कह रहे हों, “अरे, तुम्हें क्रिकेट के बारे में क्या पता?” वहां से लेकर कल रात तक, जब डी.वाई. पाटिल स्टेडियम खचाखच भरा था और हर नीली जर्सी वाली लड़की के लिए नारे लग रहे थे, मैंने उन्हीं मर्दों की आंखों में खुशी के आंसू देखे, जो पहले मुस्कराते थे.''
महिला क्रिकेटर्स ने दोहराई 1978 की एतिहासिक जीत
सैयामी ने आगे लिखा- हमारी लड़कियों ने वो इतिहास लिखा जिसकी शुरुआत 1978 में हुई थी, जब हमने पहला वर्ल्ड कप होस्ट किया था. तब खिलाड़ी पैसे जोड़कर मैच खेलने जाते थे, एक-दूसरे के किट बैग साझा करते थे और आज ये मुकाम. ये जीत सिर्फ महिला क्रिकेट की नहीं है, बल्कि हर उस महिला की है जिसने सपने देखने की हिम्मत की, हर उस लड़की की है जिसने तब बल्ला उठाया जब दुनिया ने कहा कि वो नहीं खेल सकती.
''वहीं खड़े होकर, जहां हमने 'घूमर' की शूटिंग की थी, जब मैंने हमारी लड़कियों को ट्रॉफी उठाते देखा, तो लगा जैसे जिंदगी पूरा चक्कर काटकर वहीं लौट आई हो. मुझे हमारी लड़कियों पर गर्व है. उन परिवारों पर गर्व है जिन्होंने हमेशा उनका साथ दिया. बीसीसीआई पर गर्व है जिन्होंने उन पर भरोसा किया और विजय पाटिल को धन्यवाद, जिन्होंने डी.वाई. पाटिल में इतना शानदार अनुभव दिया.''
सपने देखने की हकदार हैं लड़कियां
सैयामी ने लिखती हैं- हमारी लड़कियों ने दिखा दिया कि यह खेल हर उस इंसान का है जो इसे दिल से प्यार करता है. कल रात जब 'चक दे इंडिया' और 'मां तुझे सलाम' गाना बजा, तो उनके बोल पहले से कहीं ज्यादा गहराई से महसूस हुए, क्योंकि ये गाने सिर्फ टीम के लिए नहीं थे, बल्कि हर उस छोटी लड़की के लिए थे, जिसने कभी खुद से कहा था, “एक दिन, मैं भी खेलूंगी.”
'आयरनमैन' हैं संयमी खेर
मालूम हो कि, सैयामी खेर क्रिकेट खेल पर बेस्ड फिल्म घूमर में पैरा-खिलाड़ी की भूमिका निभा चुकी हैं. उन्होंने आयरनमैन 70.3 ट्रायथलॉन रेस को पूरा किया है, जिसमें 1.9 किमी तैराकी, 90 किमी साइकिलिंग और 21.1 किमी दौड़ शामिल है. उन्होंने एक साल के अंदर दो बार इस रेस को पूरा करके इतिहास रचा और अब वह आयरनमैन इंडिया की आधिकारिक चेहरा भी बन गई हैं.
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