हरदोई जिले में पुलिस को दो दिन पहने एक ऐसी खबर मिली जिससे पूरा महकमा कुछ घंटों के लिए हिल गया. सूचना थी कि दो नकाबपोश युवकों ने एक युवक पर पेट्रोल डालकर उसे जिंदा जला दिया है. मामला सुनते ही जिले भर में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में पुलिस के आला अफसर मौके पर पहुंचे, चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई. लेकिन जब पुलिस ने तफ्तीश शुरू की, तो कहानी ही पलट गई. दरअसल, जिस युवक के बारे में कहा गया था कि उसे पेट्रोल डालकर जला दिया, उसने खुद अपनी बाइक से पेट्रोल निकाला था और खुद को आग के हवाले कर दिया था. वजह थी- प्यार में मिला धोखा.
झूठ की बुनाई और हकीकत का खुलासा
कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के बरगांव निवासी राघवेंद्र (22 वर्ष) ने पुलिस को बताया था कि जब वह अपनी बहन दीपमाला का सैंपल लेकर सीएचसी टड़ियावां से लौट रहा था, तभी हरदोई-सीतापुर रोड पर इटौली पुल के पास दो नकाबपोश युवकों ने पीछे से पेट्रोल की पन्नी फेंककर आग लगा दी. उसकी यह कहानी सुनकर पुलिस भी चौंक गई.
घायल हालत में युवक आठ किलोमीटर बाइक चलाकर बिलग्राम चुंगी स्थित अस्पताल पहुंचा, जहां वह बतौर लैब असिस्टेंट काम करता है. अस्पताल के कर्मचारियों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी और झुलसे युवक को जिला अस्पताल पहुंचाया. सीओ सिटी अंकित मिश्रा के नेतृत्व में शहर कोतवाली और देहात कोतवाली की टीम ने तत्काल जांच शुरू की. मामला गंभीर लगने पर आसपास के इलाके के सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद ली गई. लेकिन जांच आगे बढ़ी तो सारा सच धीरे-धीरे सामने आने लगा.
पुलिस जांच में खुली फिल्मी स्क्रिप्ट की पोल
पुलिस के अनुसार राघवेंद्र ने झूठी कहानी गढ़कर अपने परिवार और पुलिस दोनों को गुमराह किया था. दरअसल, घटना के कुछ ही समय पहले उसने अपनी प्रेमिका को किसी अन्य युवक के साथ देखा था. यह दृश्य देखकर वह मानसिक रूप से टूट गया और गुस्से में आकर आत्मघाती कदम उठा लिया. उसने अपनी बाइक के टैंक से पेट्रोल निकाला और वहीं खुद को आग लगा ली. घटना के बाद जलती हालत में वह किसी तरह बाइक पर बैठा और करीब आठ किलोमीटर दूर अस्पताल पहुंच गया. वहां उसने अपनी झुलसी हुई हालत देखकर खुद को बचाने के लिए नकाबपोश हमले की झूठी कहानी बना दी, जिससे पुलिस का ध्यान उसकी असल वजह से हट सके.
पुलिस अधिकारी ने बताया पूरा सच
सीओ सिटी अंकित मिश्रा ने बताया थाना कोतवाली देहात क्षेत्र में सूचना प्राप्त हुई कि दो अज्ञात व्यक्तियों ने एक युवक पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी. जब मौके पर पहुंचकर जांच की गई तो पाया गया कि युवक राघवेंद्र ने अपनी एक मित्र को किसी अन्य युवक के साथ देखे जाने के बाद परेशान होकर अपनी बाइक से पेट्रोल निकालकर खुद को आग लगाने का प्रयास किया. पुलिस द्वारा आवश्यक विधिक कार्रवाई की जा रही है.
परिवार ने सुनाई थी अलग कहानी
राघवेंद्र के भाई ने शुरू में पुलिस को बताया कि उसका भाई टड़ियावां सीएचसी में जांच के लिए गया था और लौटते समय दो युवकों ने पेट्रोल फेंककर आग लगा दी. हमें अस्पताल से फोन आया कि तुम्हारे भाई की हालत गंभीर है. जब पहुंचे तो पूरा शरीर जला हुआ था. बताया गया कि किसी ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी. लेकिन पुलिस की जांच ने परिवार की इस कहानी को गलत साबित कर दिया. सीसीटीवी फुटेज में कोई संदिग्ध व्यक्ति नहीं दिखा और न ही किसी प्रकार का संघर्ष या झगड़े का सबूत मिला.
प्रेम प्रसंग ने बदल दी जिंदगी
पुलिस के मुताबिक, राघवेंद्र का एक लड़की से प्रेम संबंध था. हाल के दिनों में दोनों के बीच बातचीत कम हो गई थी. शनिवार को जब उसने उसे किसी अन्य युवक के साथ देखा, तो वह खुद पर काबू नहीं रख सका. वह सीधे अपनी बाइक पर बैठा और कुछ देर बाद अपने साथ यह आत्मघाती घटना कर ली. मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, ऐसे मामलों में आवेश में लिया गया निर्णय व्यक्ति की जान भी ले सकता है. प्रेम संबंधों में असफलता से उपजी निराशा कई बार युवाओं को खतरनाक कदम उठाने के लिए मजबूर कर देती है.
पुलिस ने दी चेतावनी
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि झूठी सूचना देना कानूनन अपराध है. इससे न केवल प्रशासन का कीमती समय और संसाधन बर्बाद होते हैं, बल्कि जनता में बेवजह भय का माहौल बनता है. अधिकारियों ने यह भी कहा कि राघवेंद्र की स्थिति गंभीर होने के कारण फिलहाल उसे लखनऊ ट्रॉमा सेंटर भेजा गया है. स्वस्थ होने के बाद उसके खिलाफ झूठी सूचना देने और अफवाह फैलाने के आरोप में कार्रवाई की जाएगी.
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