'मां-पापा, प्लीज मुझे माफ कर दीजिए...' कानपुर में सॉफ्टवेयर डेवलपर ने फांसी लगाकर आत्महत्या

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उत्तर प्रदेश के कानपुर में साइबर सेक्योरिटी डिपार्टमेंट में सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में काम करने वाले 25 साल के युवक की आत्महत्या का मामला सामने आया है. आईआईटी कानपुर का छात्रस सोमवार को अपने किराए के घर में मृत पाया गया. पुलिस ने मंगलवार को ये जानकारी दी है. 

मृतक की पहचान दीपक चौधरी के रूप में हुई है. वह महाराष्ट्र का रहने वाला था. मरने से पहले उसने एक सुसाइड नोट छोड़ा है जिसमें उसने अपने माता-पिता से माफी मांगी है और कहा है कि वह साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में हो रही प्रोग्रेस के साथ तालमेल नहीं बैठा पा रहा है.

आईआईटी-कानपुर के निदेशक मनिंद्र अग्रवाल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि चौधरी पिछले दो सालों से संस्थान के साइबर सुरक्षा विभाग से जुड़े थे. अग्रवाल ने कहा, 'घटना से पहले, उन्होंने एक वरिष्ठ संकाय सदस्य से अपनी परेशानियों के बारे में बात की थी. उन्हें कड़ी मेहनत करते रहने की सलाह दी गई थी और उन्हें विश्वास दिलाया गया था कि वह सफल होंगे.'

सहायक पुलिस आयुक्त (कल्याणपुर) रंजीत कुमार ने बताया कि चौधरी प्लास्टिक की रस्सी से पंखे से लटका हुआ पाया गया था. उसकी डायरी में एक हस्तलिखित सुसाइड नोट मिला है जिसमें लिखा है, 'मैं शराब नहीं पीता और न ही कोई गलत काम करता हूं. मां-पापा, प्लीज मुझे माफ कर दीजिए.'

पुलिस के अनुसार, चौधरी रविवार रात खुश दिखाई दे रहे थे, दोस्तों के साथ खाना खा रहे थे और बातें कर रहे थे. हालांकि, सोमवार को जब बार-बार फ़ोन करने और कमरे के दरवाजे पर दस्तक देने पर भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, तो उनके दोस्तों ने पुलिस को सूचना दी. उन्होंने खिड़की से अंदर झांका तो देखा कि उनका शव फंदे से लटका हुआ है. बाद में एक फोरेंसिक टीम ने दरवाजा तोड़ा, सबूत इकट्ठा किए और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद कमरे को सील कर दिया. शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और परिवार को सूचित कर दिया गया है. पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि जांच जारी है, लेकिन अभी तक किसी गड़बड़ी का संदेह नहीं है.

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