डॉ. सोमु ने पूछा, 'मोदी जी कहते हैं कि वे तमिल से प्रेम करते हैं, तो फिर तीन भाषा नीति हम पर क्यों थोपी जा रही है?' उन्होंने कहा कि 'तीन भाषा नीति को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए. अंग्रेजी कम्युनिकेशन की भाषा बनी रहे, यही काफी है.'
X
प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु के तूतीकोरिन में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण किया. (Photo: PTI)
डीएमके सांसद और राज्यसभा सदस्य डॉ. कनिमोझी सोमु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तमिलनाडु यात्रा और गंगईकोंडा चोलपुरम के सहस्त्राब्दी समारोह में शामिल होने पर निशाना साधा है. आजतक से खास बातचीत में उन्होंने प्रधानमंत्री पर तमिल विरासत में 'चुनिंदा दिलचस्पी' रखने का आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री सिर्फ चुनाव के वक्त ही तमिलनाडु क्यों आते हैं.
डॉ. सोमु ने पूछा, 'मोदी जी कहते हैं कि वे तमिल से प्रेम करते हैं, तो फिर तीन भाषा नीति हम पर क्यों थोपी जा रही है?' उन्होंने कहा कि 'तीन भाषा नीति को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए. अंग्रेजी कम्युनिकेशन की भाषा बनी रहे, यही काफी है.'
गंगाजल लाने पर जताया ऐतराज
डॉ. सोमु ने प्रधानमंत्री द्वारा गंगाजल लेकर समारोह में शामिल होने को भी अनुचित बताया. उन्होंने कहा, 'वे पूरे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, किसी एक धर्म या समुदाय का नहीं. वे इन अंधविश्वासों को बढ़ावा नहीं दे सकते.'
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार पर कीलाड़ी (Keezhadi) पुरातात्विक स्थल की खोजों को जानबूझकर दबाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'कीलाड़ी की खोज से इतिहास की धाराएं बदल जाएंगी और यह साबित हो जाएगा कि तमिल सबसे प्राचीन भाषा है. लेकिन मोदी सरकार इसे मान्यता नहीं देना चाहती, क्योंकि वे नहीं चाहते कि दक्षिण भारत उभरे.'
'सिर्फ चुनाव के वक्त तमिलनाडु क्यों आते हैं प्रधानमंत्री?'
डॉ. सोमु ने कहा, 'पीएम मोदी एक तरफ बच्चे को गोद में बैठाते हैं और दूसरी तरफ चुटकी भी काटते हैं. यही दोहरी मानसिकता दिख रही है. एक तरफ गंगईकोंडा चोलपुरम में तमिल संस्कृति को सम्मान दे रहे हैं और दूसरी ओर कीलाड़ी को नकार रहे हैं.' उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री केवल चुनाव के समय ही तमिलनाडु क्यों आते हैं. उन्होंने कहा, 'जब भी चुनाव आते हैं, वे यहां दिखते हैं. बाकी समय वे देश से बाहर होते हैं.'
---- समाप्त ----