AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए दलितों और किसान कर्जमाफी जैसे मुद्दों पर बीजेपी और संघ प्रमुख मोहन भागवत पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने दावा किया कि गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे ने गिरफ्तारी के बाद खुद को मुसलमान बताया था ताकि देश में हिंदू-मुस्लिम दंगे भड़क जाएं.
ओवैसी ने कहा कि नारायण आपटे, विष्णु करकरे, मदनलाल पाहवा और नाथूराम गोडसे ने मिलकर गांधीजी की हत्या की थी. उन्होंने आरोप लगाया, "गांधीजी की हत्या के बाद जब नाथूराम गोडसे को गिरफ्तार किया गया, तब उसने कहा था- मैं मुसलमान हूं, मेरा खतना हुआ है... क्योंकि वह चाहता था कि देश में हिंदू-मुस्लिम दंगे भड़कें. गांधीजी की हत्या कर इन लोगों ने खुद को वीर समझा."
ओवैसी ने कहा कि विकृत राजनीति का यह सिलसिला उसी समय से शुरू हुआ था और आज तक जारी है. उन्होंने कहा, "आज भी कुछ लोग मीठा बोलकर जनता को धोखा दे रहे हैं, राजनीति में वही प्रवृत्ति जारी है."
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फडणवीस, योगी और मोहन भागवत पर सीधा हमला
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा, "आप नरेंद्र मोदी की तरह झूठ बोलना सीख गए हैं. अतिवृष्टि से किसानों की फसलें तबाह हो गई हैं, उन्हें सिर्फ मदद नहीं, कर्जमाफी चाहिए. जब आप विपक्ष में थे, तब उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कर्ज माफी की मांग की थी, अब सत्ता में हैं तो आप खुद कर्ज माफ करें."
उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, "बाबा (योगी आदित्यनाथ) के राज्य में सबसे ज्यादा अत्याचार हुए हैं. एक दलित जज पर सिर्फ इसलिए जूता फेंका गया क्योंकि वह दलित हैं." ओवैसी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा, "जब सुप्रीम कोर्ट के एक दलित जज पर हमला किया गया, तब मोहन भागवत चुप क्यों रहे? देश में दलितों पर अत्याचार हो रहा है, लेकिन वे चुप हैं. सनातन धर्म के नाम पर यह अन्याय कब तक चलेगा?"
'मैं मर्द हूं, नोटिस को ठुकराता हूं'
केंद्र सरकार से मिले नोटिस पर ओवैसी ने अपने अंदाज में कहा, "अब तक किसी भी पार्टी के नेता को ऐसा नोटिस नहीं दिया गया, तो मुझे क्यों? मैं मर्द हूं- इस नोटिस को ठुकराता हूं! संसद में मैंने 35 मिनट तक भाषण देकर इस कानून का विरोध किया था. अगर गांधी आज जिंदा होते तो वे भी इस अन्याय का विरोध करते."
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भाषण के अंत में उन्होंने अपने समर्थकों से भावनात्मक अपील करते हुए कहा, "आपके साथ अन्याय हो रहा है, आपको जानबूझकर भड़काया जा रहा है, लेकिन आप सहन करें. बहस या झगड़ा मत करें, क्योंकि वे आपको बांटने की कोशिश कर रहे हैं. हम हिंदुस्तान में जन्मे हैं और इसी मिट्टी में मरेंगे. हम देशद्रोही नहीं हैं. हमने विदेशों में जाकर हिंदुस्तान की छवि को मजबूत किया है. हमारा देशप्रेम सिद्ध है. हम शांति में विश्वास रखते हैं, लेकिन अगर हम पर अन्याय हुआ तो उसका जवाब हमारा अल्लाह देगा."
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