जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि केंद्र शासित प्रदेश का राज्य का दर्जा जल्द बहाल होगा, जिससे नई दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के बीच की दूरी कम होगी. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भले ही राज्य का दर्जा उनकी सरकार के पहले साल में बहाल न हो पाए, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि यह दूसरे साल में संभव हो सकता है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उमर अब्दुल्ला ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में पत्रकारों से कहा कि जब राज्य का दर्जा बहाल होगा, तो निश्चित रूप से दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के बीच की खाई पट जाएगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि इस समय कई संवैधानिक और प्रशासनिक संस्थानों पर चुनी हुई सरकार का नियंत्रण नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे बिजनेस रूल्स लागू नहीं हैं, एडवोकेट जनरल का पद खाली है, कई संस्थानों पर हमारा नियंत्रण नहीं है.
'राज्य का दर्जा मिलने से जनता से किए वादे पूरे होंगे'
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल होने से चुनी हुई सरकार को अधिक अधिकार मिलेंगे और वह लोगों से किए वादों को पूरा कर सकेगी. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा न देने के पीछे क्या वजह है, यह केवल केंद्र और बीजेपी ही बता सकते हैं, लेकिन हम अपनी कोशिश नहीं छोड़ेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अपने 5 साल के एजेंडे पर काम कर रही है और जनता से कहा कि हमें एक सप्ताह, एक माह या छह माह में न परखा जाए. हमने 5 साल के लिए जनता के सामने एजेंडा रखा है. 5 साल बाद जनता हमारे काम का फैसला करेगी.
उपचुनावों और गठबंधन पर रुख
बडगाम और नगरोटा विधानसभा उपचुनावों पर उमर अब्दुल्ला ने बताया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) बडगाम से चुनाव लड़ेगी, जबकि नगरोटा सीट पर कांग्रेस के लिए समर्थन दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने हाईकमान से अनुमति मांगी है, अगर उन्हें मंज़ूरी मिलती है, तो नगरोटा से कांग्रेस उम्मीदवार नामांकन दाखिल करेगा और हम उसे जिताने की पूरी कोशिश करेंगे.
महबूबा मुफ्ती की शर्तों पर प्रतिक्रिया
जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के निजी विधेयकों को समर्थन देगी, तो उन्होंने कहा कि इस पर फैसला विधानसभा अध्यक्ष करते हैं. मेरी सरकार जनता के हित में किसी भी विधेयक में बाधा नहीं बनेगी, लेकिन कौन-सा बिल चर्चा में आएगा, यह अध्यक्ष तय करते हैं.
किसानों के लिए विशेष पैकेज की चर्चा
मुख्यमंत्री ने कहा कि फलों और फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र से विशेष राहत पैकेज पर चर्चा चल रही है. जहां-जहां बागवानी या कृषि में नुकसान हुआ है, उसका आकलन कर लिया गया है. केंद्र से मुआवज़े के लिए बातचीत जारी है.
'पुलिस नियंत्रण मिलने पर बाकी वादे भी पूरे होंगे'
कोविड काल में दर्ज एफआईआर वापस लेने के सवाल पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अभी पुलिस और कानून-व्यवस्था हमारे पास नहीं है, जब ये अधिकार मिलेंगे, तो हम बाकी वादे भी पूरे करेंगे.
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